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मतदान के लिए एक बार फिर तैयार हैं श्याम सरन नेगी

जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा गांव से संबंध रखने वाले देश के पहले मतदा

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 08:10 PM (IST)Updated: Wed, 30 Dec 2020 08:10 PM (IST)
मतदान के लिए एक बार फिर तैयार हैं श्याम सरन नेगी
मतदान के लिए एक बार फिर तैयार हैं श्याम सरन नेगी

समर नेगी, रिकांगपिओ

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जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा गांव से संबंध रखने वाले देश के पहले मतदाता 103 वर्षीय मास्टर श्याम सरन नेगी एक बार फिर पंचायती राज चुनाव में मतदान करने के लिए तैयार हैं। हमेशा की तरह श्याम सरन नेगी इस बार भी बहुत उत्साहित हैं। अब तक के किसी भी चुनाव में मास्टर श्याम सरन नेगी मत का प्रयोग करने से पीछे नहीं रहे हैं और लोगों से भी मतदान करने की अपील करते आए हैं।

मास्टर श्याम सरन नेगी का कहना है कि वह रोजाना रेडियो के माध्यम से पंचायती राज चुनाव की हलचल के बारे में सुन रहे हैं और इस बार जिला में नई पंचायतों के गठन से भी खुश हैं। उनका कहना है कि जितनी ज्यादा पंचायतों का गठन होगा उतना ही जिला में विकास होगा। मतदान सबसे बड़ा दान है, इसलिए इससे पीछे नहीं हटना चाहिए, अन्यथा गांव का विकास रुक जाता है।

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पढ़े-लिखे युवाओं को दें मौका

देश के प्रथम मतदाता ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में लोगों को गांव के विकास के लिए सोच समझ कर प्रतिनिधि चुनना चाहिए, क्योंकि कई बार गांव में सही जनप्रतिनिधियों के न होने से धनराशि का विकास कार्यो में सही प्रयोग नहीं होता। आज देश आधुनिक युग का भारत है, जहां पढ़े-लिखे युवाओं को हर काम में मौका देना चाहिए और पंचायती राज चुनाव में भी पढ़े-लिखे, इमानदार व सबकी इज्जत करने वाले युवाओं को चुनावी मैदान में उतरकर गांव के साथ देश के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने बुजुर्गो से भी अपील की है कि युवाओं को मौका दें।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने की स्वास्थ्य जांच

जिला प्रशासन की ओर से समय-समय पर मास्टर श्याम शरण नेगी के स्वास्थ्य की जांच करवाने के लिए टीम उनके गांव भेजी जाती है। इसी कड़ी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सोनम नेगी ने स्वयं श्याम सरन नेगी के घर जाकर उनके स्वास्थ्य की जांच की।

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कैसे बने देश के पहले मतदाता

पहली जुलाई 1917 को जिला किन्नौर के कल्पा में जन्में मास्टर श्याम शरण नेगी ने जब पहली बार अपने मत का प्रयोग किया था उस समय वह बतौर अध्यापक सेवाएं दे रहे थे और उनकी ड्यूटी भी चुनाव में लगी थी। भारत के स्वतंत्र होने के बाद पहला आम चुनाव फरवरी-मार्च 1952 में होने जा रहा था, लेकिन किन्नौर में हिमपात की संभावना को देखते हुए पांच माह पहले ही मतदान करवा दिया था। मतदान के दिन मास्टर श्याम शरण नेगी सुबह ही कल्पा बूथ पर पहुंच गए और वहां ड्यूटी दे रहे पोलिंग ऑफिसर से कहा कि मैंने भी कल्पा से दूर दूसरे पोलिंग स्टेशन पर ड्यूटी देने जाना है, इसलिए आप मुझे वोट डालने दो। पोलिंग ऑफिसर ने स्थिति को समझते हुए श्याम शरण नेगी को मतदान करने की अनुमति दी, ऐसा करते ही वह देश के पहले मतदाता बने।

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ब्रांड एंबेसडर श्याम शरण नेगी

नेगी को चुनाव आयोग ने 2014 के आम चुनाव के दौरान ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था और 12 जून 2010 को मुख्य चुनाव आयुक्त ने उन्हें कल्पा आकर पहले मतदाता होने पर बधाई भी दी थी।


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