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Shimla Nagar Nigam Election: और लटक सकता है नगर निगम चुनाव, सरकार के निर्णय को कोर्ट में चुनौती देगी भाजपा

Shimla Nagar Nigam Election सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद निगम के चुनाव का रास्ता साफ हो गया था। इसी बीच सरकार ने वार्डों की संख्या को फिर से 41 से घटाकर 34 कर दिया है। इसकी जानकारी आयोग को सुप्रीम कोर्ट में मुहैया करवानी है।

By Swati SinghEdited By: Swati SinghPublished: Tue, 07 Feb 2023 08:20 AM (IST)Updated: Tue, 07 Feb 2023 08:20 AM (IST)
Shimla Nagar Nigam Election: और लटक सकता है नगर निगम चुनाव, सरकार के निर्णय को कोर्ट में चुनौती देगी भाजपा
राजधानी शिमला में नगर निगम चुनाव अब और लटक सकता है

शिमला, जागरण संवाददाता। राजधानी शिमला में नगर निगम चुनाव अब और लटक सकता है। भाजपा ने कार्यसमिति की बैठक में निर्णय लिया है कि इस मामले पर जो भी अब वर्तमान सरकार कर रही है इसे न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। भाजपा इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार कर रही है।

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सुप्रीम कोर्ट से जो भी आगामी आदेश आते हैं, इसके आधार पर वर्तमान सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश और चुनावी तैयारियां की जा रही हैं, इसे भाजपा ने कानूनी सलाह के लिए विधि प्रकोष्ठ को भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद निगम के चुनाव का रास्ता साफ हो गया था। इसी बीच सरकार ने वार्डों की संख्या को फिर से 41 से घटाकर 34 कर दिया है। इसकी जानकारी आयोग को सुप्रीम कोर्ट में मुहैया करवानी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से आने वाले निर्णय का इंतजार सभी को है।

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फंसा कानूनी दांव पेंच

प्रदेश उच्च न्यायालय ने शिमला नगर निगम के पांच वार्डों के पुनर्गठन पर स्टे लगाया था। इससे मतदाता सूची का काम रुक गया था और चुनाव नहीं हो पाए। प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस संबंध में दो बार आदेश जारी किए थे। जिला उपायुक्त ने प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद वार्डों का पहले वाला पुनर्गठन किया है। प्रदेश उच्च न्यायालय के इन आदेशों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट में राज्य निर्वाचन आयोग के हक में निर्णय सुनाते हुए हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में अब फरवरी को फिर से सुनवाई होनी है। इसके निर्देशों के बाद ही कार्यवाही की उम्मीद है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला

इन नेताओं ने दी है कोर्ट में चुनौती नाभा वार्ड की पार्षद सिम्मी नंदा और राजीव ठाकुर ने नगर निगम शिमला के पांच वार्डों के पुनर्गठन पर स्टे लिया। याचिकाकर्ता का आरोप था कि राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इन वार्डों का पुनर्सीमांकन किया गया, जो कानून की दृष्टि से गलत है। प्रदेश उच्च न्यायालय ने नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए पांच वार्डों के पुनर्सीमांकन पर रोक लगा दी। मामला हाई कोर्ट में चलता रहा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी।

18 जून को पूरा हो चुका है नगर निगम का कार्यकाल

शिमला नगर निगम का कार्यकाल 18 जून, 2022 को पूरा हो गया है। मामला हाई कोर्ट में जाने की वजह से राज्य चुनाव आयोग चुनाव नहीं करवा पाया। अब चुनाव के लिए छह महीने से अधिक समय हो गया है। राज्य सरकार ने उपायुक्त को निगम का प्रशासक नियुक्त किया है। अब सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेशों के बाद ही इस पूरे मामले में राजनीतिक दल, आयोग व प्रशासन हरकत में आएगा।


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