मंजिल के नजदीक पहाड़ की ट्रेन
विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की गति बढ़ाने के लि
जागरण संवाददाता, शिमला : विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की गति बढ़ाने के लिए दूसरे दिन भी ट्रायल किए। सोमवार को दूसरे ट्रायल में 32 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार में शोघी से शिमला तक इंजन चलाया गया। यह ट्रायल सफल रहा। शोघी से शिमला तक इंजन को पहुंचने में 38 मिनट लगे, जबकि पहले 51 मिनट का समय शोघी से शिमला पहुंचने में लगता है।
अब शिमला-कालका रेलवे ट्रैक पर सात किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार बढ़ाना संभव हो गया है। आरडीएसओ लखनऊ की टीम इंजीनियर निदेश गौड़ की अध्यक्षता में लगातार ट्रायल कर रही है। हालांकि टीम ने अभी फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं की है। फाइनल रिपोर्ट इंजन के साथ लगाए गए डिवाइस की रीडिंग के बाद ही तैयार की जाएगी, लेकिन जो ट्रायल लिया गया है वह अभी तक सफल रहा है। रविवार को दो ट्रायल शिमला से शोघी ट्रैक पर लिए गए थे। इस दौरान 27 किलोमीटर प्रतिघंटा रफ्तार का ट्रायल हुआ था। सोमवार को पहला ट्रायल 30 और इसके बाद गति बढ़ाकर 32 किलोमीटर प्रतिघंटा की थी।
मौजूदा समय में इस ट्रैक पर 25 किलोमीटर प्रतिघटा की रफ्तार से ट्रेन चलती है। इसे बढ़ाकर 35 किलोमीटर प्रतिघटा करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे पर्यटकों का समय बचेगा और उनके लिए यह यात्रा बेहतर होगी। इसके लिए रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने सर्वे किया था और ट्रेन की गति बढ़ाने के निर्देश दिए थे। इसके लिए रिसर्च डेवलपमेंट एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की एक टीम ने कसरत तेज कर दी है।
15 तक ट्रायल रहेंगे जारी
15 दिसंबर तक यह ट्रायल जारी रहेंगे। अभी शोघी से शिमला की ओर ट्रायल किए जा रहे हैं। धीरे धीरे गति बढ़ाई जाएगी। 35 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पहुंचाने का लक्ष्य रेलवे ने रखा है। कई तरह के डिवाइस इंजन में लगाए गए हैं।