Shimla: आज पेश होगा निगम का बजट, मिल सकता है खास तोहफा
Shimla Corporations budget शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करेंगी इसमें बुजुर्गो और महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं होने की आस है।
शिमला, जेएनएन। नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल शुक्रवार 28 फरवरी को अपने कार्यकाल का पहला और भाजपा कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करेंगी। महापौर सत्या कौंडल बजट अभिभाषण में एक छत के नीचे निगम के कार्यालय का तोहफा दे सकती हैं। बुजुर्गों और महिलाओं के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं होने की आस है। निगम के सभी कार्यालयों की शाखाएं अलग-अलग भवनों में चल रही हैं। ऐसे में निगम कार्यालय आने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। निगम बजट में एक छत के नीचे सभी कार्यालय खोलने के लिए बजट में प्रावधान कर सकता है। पिछले वर्ष निगम ने 296 करोड़ का बजट पेश किया था। कई बड़ी घोषणाएं भी की गई थीं, लेकिन उनमें से अधिकांश घोषणाएं पूरी नहीं हो पाई हैं।
लोगों ने भी दिए हैं सुझाव
नगर निगम ने बजट के लिए एनजीओ, पेंशनर्स सहित शिमला की जनता ने नगर निगम को बजट के लिए बेहतर सुझाव दिए हैं। इनमें अधिकांश पेयजल व्यवस्था, बिजली, ट्रैफिक पर आधारित है। इसे देखते हुए नगर निगम प्रशासन भी जनता को लुभावने वाले बजट पेश करने की तैयारी में है। महापौर लोक लुभावने बजट दे सकती हैं।
स्मार्ट सिटी के ईद-गिर्द घूमेगा शहर का बजट
केंद्र की ओर से शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि शहरवासियों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिल जाएंगी। ढाई साल बाद भी शिमला शहर में कोई काम नहीं दिखा है। स्मार्ट सिटी में कई बड़े प्रोजेक्टों पर काम होना है। नगर निगम का वार्षिक बजट इसी आधार पर होगा।
न नया टाउनहाल बना न पुराने का हो पाया इस्तेमाल
पिछले बजट में नगर निगम शिमला ने नया टाउनहाल बनाने की घोषणा की थी। लेकिन निगम न तो नया टाउनहाल बना पाया और न ही वर्तमान में मौजूद का इस्तेमाल कर पाया। न्यायालय के आदेश के अनुसार टाउनहाल में महापौर व उपमहापौर के कार्यालयों के अलावा व्यावसायिक गतिविधियां शुरू की जानी थीं, लेकिन निगम को टाउनहाल मिले छह माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक भी यह खाली पड़ा है। हालांकि निगम ने प्रस्ताव तैयार किया था कि टाउनहाल के एटिक फ्लोर पर सिटी म्यूजियम बनाया जाना है। लेकिन यह योजना भी अभी कागजों में ही घूम रही है।
इन घोषणाओं का रहा साल भर इंतजार
- मेधावियों को लैपटॉप देने की योजना नहीं हुई पूरी।
- एनजीओ को सम्मानित करने की योजना।
- ग्रीन फीस वसूली नहीं हुई शुरू।
- नहीं खरीद पाए शव वाहन।
- नया टाउनहाल बनाने की योजना।
- ब्लड टेस्ट लैब दोबारा शुरू करना।
- पार्किंग में ओवर चार्ज रोकने के लिए नहीं बना मोबाइल एप।
- कूड़ा संयंत्र से बिजली उत्पादन नहीं हुआ शुरू।
- हिमलैंड, खलीनी में फुट ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं हुआ।
महापौर के पिटारे से शहर को राहत की आस
नगर निगम के बजट से शहर के लोगों को कई उम्मीदें हैं। शहर के अधिकतर लोग उम्मीद लगाकर बैठे हैं कि यह बजट आम लोगों के हित में होगा। लोग चाहते हैं कि पीने के लिए पानी प्रतिदिन मिले और यह स्वच्छ भी होना चाहिए। लोग हर वार्ड में पार्क, पार्किंग, हर वार्ड को एबुलेंस से जोड़ने, स्ट्रीट लाइट्स की सुविधा देने की आस में हैं।
शहर में सबसे बड़ी दिक्कत पार्किंग की है, हर बजट में वादे तो पार्किंग बनाने के किए जाते हैं, लेकिन लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। जो पार्किंग बनी हैं वे काफी महंगी भी हैं। ऐसे में लोग शहर में अधिक से अधिक पार्किंग के निर्माण की उम्मीद नगर निगम के बजट से लगा रहे हैं।
वहीं शिमला शहर में पानी की काफी दिक्कत रहती है, लोगों को उम्मीद है कि प्रतिदिन लोगों को स्वच्छ पानी मिले। इसके अलावा शहर में बुजुर्गों और बच्चों के लिए पार्क भी बनने चाहिए। अब देखना यह है कि महापौर सत्या कौंडल द्वारा पेश किए जाने वाला बजट लोगों की इन उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है।
शहर की सड़कों की हालत सुधारने के लिए आठ करोड़ का प्रावधान
शहर की सड़कों की मैटलिंग टारिंग के लिए निगम करीब आठ करोड़ रुपये का प्रावधान अपने बजट में कर सकता है। शहर की सड़कों की हालत काफी खराब हो चुकी है। जगह-जगह गड्ढे होने के कारण लोगों को वाहन चलाने के साथ पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। निगम शहर की सड़कों की हालत सुधारने के लिए अपने बजट में आठ करोड़ रुपये का प्रावधान कर सकता है।
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