नगर निगम के खिलाफ शिमला व्यापार मंडल ने खोला मोर्चा
जागरण संवाददाता शिमला नगर निगम द्वारा दुकानों के किराये के साथ प्रॉपर्टी टैक्स लगाने के
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम द्वारा दुकानों के किराये के साथ प्रॉपर्टी टैक्स लगाने के मामले में शिमला व्यापार मंडल ने मोर्चा खोल दिया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह (इंद्रजीत सिंह समर्थित गुट) ने रविवार को बैठक कर निगम को चेतावनी दी है कि सोमवार से शहर के व्यापारी महापौर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठेंगे। व्यापारियों की मांग है कि निगम की दुकानों का जब व्यापारी किराया दे रहे हैं तो संपत्ति कर क्यों देंगे। दुकानें निगम की हैं। वहीं व्यापारी मांग कर रहे हैं कि वर्ग फुट के हिसाब से निगम ने कई गुणा दुकानों का किराया बढ़ा दिया। इसे कम किया जाए। व्यापारियों से कूड़े के बिलों में भी बेहिसाब दरें वसूली जा रही हैं, जोकि व्यापारियों के साथ अन्याय है।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान पहले ही व्यापारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। किराया तक देना मुश्किल हो गया है। ऐसे में निगम द्वारा संपत्ति कर लगाना उनके साथ अन्याय है। व्यापारी इसका विरोध करते हैं। शहरी विकास मंत्री से मिल चुके हैं व्यापार मंडल के दोनों गुट
संपत्ति कर के मामले को लेकर शिमला व्यापार मंडल के दोनों गुट शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिल चुके हैं। शहरी विकास मंत्री ने इस मामले में व्यापारियों को राहत देने का आश्वासन दिया था। मंत्री के आश्वासन के बाद भी व्यापारी निगम से खफा हैं और आमरण अनशन की चेतावनी दी है। सोमवार से व्यापारी महापौर कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठेंगे। शहर में निगम की हैं 927 दुकानें
शिमला शहर में नगर निगम की 927 के करीब दुकानें हैं। वित्त संविदा समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया है कि निगम अपनी दुकानों के किराये के साथ संपत्ति कर भी लीज धारकों से वसूलेगा। इससे व्यापारी नाराज हैं। शिमला व्यापार मंडल ने रविवार को बैठक कर निर्णय लिया है कि नगर निगम उनकी मांगों को नहीं मानता है तो व्यापार मंडल सोमवार से महापौर कार्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठेगा। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी व्यापारियों का अनशन जारी रहेगा।
इंद्रजीत सिह, अध्यक्ष व्यापार मंडल शिमला।