शिमला में कल बढ़ेगी लोगों की दिक्कत, शहर में नहीं चलेंगी 100 प्राइवेट बसें; क्या रहेगा विकल्प?
शिमला में कल 100 निजी बसें नहीं चलेंगी, जिससे शहरवासियों को परिवहन संबंधी समस्याएँ होंगी। निजी बस ऑपरेटरों के निर्णय के कारण सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रभावित होगी। अब देखना यह है कि लोगों के पास क्या विकल्प हैं और प्रशासन इस स्थिति से कैसे निपटता है ताकि जनता को कम परेशानी हो।

शिमला शहर में कल निजी बसों की हड़ताल रहेगी। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, शिमला। राजधानी शिमला में सोमवार को निजी बसें नहीं चलेगी। शिमला में मिनी बस चालक एवं परिचालक संघ हड़ताल पर हैं। ऐसे में शहर में लोगों को सप्ताह के पहले दिन ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। शिमला शहर में चलने वाली 100 निजी बसें कल नहीं चलेंगी। हालांकि 100 सरकारी बसें चलेंगी।
नौकरी पेशा लोगों के लिए स्कूल एवं कालेजों के बच्चों को बसों की हड़ताल के कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अस्पताल जाने वाले मरीजों को भी परेशानी आ सकती है।
सरकारी पर रहेगी ज्यादा निर्भरता
निजी की हड़ताल के कारण सरकारी बसों पर ही ज्यादा निर्भरता रहेगी। ऐसे में आफिस, अस्पताल, स्कूल या कालेज जाने के लिए आपकों लगभग आधा या एक घंटा पहले निकलना पड़ेगा। शिमला शहर में निजी बस चालक परिचालक संघ ने मांगे पूरी नहीं होने के कारण हड़ताल का निर्णय लिया है।
40 किमी बाहर से आने वाली बसों को पुराने अड्डे पर न भेजने की मांग
इनकी मुख्य मांग शहर के 40 किलोमीटर बाहर से आने वाली बसों को पुराना बस स्टैंड की बजाय सीधे आइएसबीटी भेजना है। निजी बस चालक एवं परिचालक संघ के अध्यक्ष अखिल गुप्ता का कहना है कि 40 किलोमीटर बाहर से आने वाली बसों के पुराने बस स्टैंड आने के कारण शहर में जाम की समस्या पैदा होती है। इससे निजी बसें दिनभर जाम में फंसी रहती हैं और उनके रूट भी छूट जाते हैं।
18 रूट पुराने अड्डे के बजाय आइएसबीटी भेजे
शनिवार को एचआरटीसी की ओर से 18 बसों को रूटों को पुराना बस स्टैंड की बजाय सीधे आइएसबीटी करने को लेकर आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन निजी बस चालक एवं परिचालक संघ और निजी बस संचालक संघ इससे खुश नहीं हैं।
इनका कहना है कि जिन बसों के रूट डायवर्ट किए गए है। यह बसें ज्यादात्तर लांग रूटों पर चलती है। जबकि सबसे ज्यादा परेशानियां शिमला डिविजन एक और दो की बसों के कारण होती है।
स्कूल बसें न उठाएं सवारियां
निजी बस संचालक संघ के महासचिव सुनील चौहान का कहना है कि एचआरटीसी की स्कूल बसें एवं डीजल भरवाने के लिए वर्कशाप गई बसे बिना रूट के शहर में सवारियां उठाती है। इसके कारण निजी बसों को सवारियां नहीं मिल पाती है।
ऐसे में उन्होंने मांग उठाई है कि यह बसें सवारियां नहीं उठाए। हालांकि इन मांगों को 13 अक्तूबर को पहले हड़ताल का फैसला लिया गया था, लेकिन परिवहन विभाग एवं एचआरटीसी प्रबंधन के साथ हुई बैठक में आश्वासन मिलने के बाद यह फैसला टाल दिया गया था। आश्वासन के बाद अभी तक मांगे पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सोमवार को निजी बसों की हड़ताल रहेगी।

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