घायल लावारिस गायों के दो युवा बने सहारा
प्रदेश में शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी, जिस पर बेसहारा गाय ने घ
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश में शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी, जिस पर बेसहारा गाय ने घूम रही हो। इनमें कई बीमार तो कई गाड़ियों की टक्कर से जख्मी हो जाती हैं। ऐसे में जिला शिमला के चौपाल क्षेत्र के दो युवा घायल गायों के उपचार का जिम्मा उठाए हुए हैं। अभी तक 18 से अधिक गायों का उपचार करवा चुके है। देवत गांव के रहने वाले विशाल चौहान और संदीप चोपड़ा यह सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
हर सुबह गाड़ी में दोनों युवा निकलते हैं और बेसहारा घायल गाय मिलने पर चिकित्सकों के साथ उपचार देते हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि सरकारी पशु चिकित्सालय में दवाएं ही नहीं हैं। दोनों को खरीदकर दवाएं लानी पड़ रही हैं। युवाओं के मुताबिक सैकड़ों बेसहारा पशु चौपाल विधानसभा क्षेत्र में हैं, लेकिन प्रशासन इनकी देखभाल के लिए कोई भी मदद नहीं कर रहा है।
30 से 50 किलोमीटर हर दिन करते हैं सफर
दोनों युवा जिस दिन भी समय मिलता है करीब 30 से 50 किलोमीटर का सफर करते हैं और बेसहारा घायल गाय मिलने पर उपचार देते हैं। इस पहल की स्थानीय लोग तारीफ कर रहे हैं। वहीं मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
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प्रदेश में गोसदन बनाए जाने चाहिए। अगर सरकार सही नीति बनाए तो गोसदनों से आय एवं रोजगार दोनों मुहैया हो सकता है। गाय सड़कों पर बेसहारा नहीं रहनी चाहिए, जो लोग इन्हें छोड़ते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश के पशु चिकित्सालयों में सभी दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए। हम इनका उपचार तो करवा रहे हैं, लेकिन अस्पताल में दवाएं ही नहीं हैं।
-विशाल चौहान।
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हम अपनी तरफ से प्रयास कर रहे हैं। अन्य लोगों को भी इस तरह मदद के लिए आगे आना चाहिए। वहीं मेरा चालकों से निवेदन है कि गाड़ियां धीरे चलाएं। तेज रफ्तार वाहनों की टक्कर से ये पशु घायल होते हैं।
-संदीप चोपड़ा।