समर्पण व इच्छाशक्ति से काम करें कृषि अधिकारी : राज्यपाल
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कृषि, बागवानी व पशुपालन और अन्य संबद्ध विभागों के
राज्य ब्यूरो, शिमला : राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कृषि, बागवानी व पशुपालन और अन्य संबद्ध विभागों के अधिकारियों विशेषकर क्षेत्रीय कर्मियों से शून्य लागत प्राकृतिक कृषि को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। राज्यपाल वीरवार को शिमला के निकट मशोबरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन, विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के तहत शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पर आयोजित प्रशिक्षण शिविर को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में शून्य लागत प्राकृतिक कृषि पर आधारित तीन प्रशिक्षण शिविरों में लोगों के उत्साह को देखकर उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस कृषि पद्धति को अपनाने के लिए किसान वर्ग तैयार है। अब यह दायित्व किसानों से जुड़े विभागों का है कि वे इसके कार्यान्वयन में तेजी लाएं और ईमानदारी व पूर्ण समर्पण से इस दिशा में कार्य करें। अधिकारी बिना दबाव के इच्छाशक्ति से इस कार्य को करें और समझें। यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जिस व्यवसाय को हमने चुना है और जिस विभाग में कार्यरत हैं वहा रहते हुए अपने कार्यकाल में ईमानदारी से कार्य नहीं किया तो न केवल अपने साथ धोखा किया है बल्कि विभाग के साथ भी धोखा कर रहे हैं।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि रसायनिक खादों के अत्याधिक उपयोग के बावजूद आज उत्पादन घट रहा है और जिन फलदार पौधों पर रसायनिक स्प्रे की जाती है वह अधिक समय तक टिक नहीं पाता है। इससे स्पष्ट है कि जमीन की उर्वरा शक्ति क्षीण हो रही है और पौधों की प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो गई है। राज्यपाल ने कहा कि पशुपालन के बिना प्राकृतिक कृषि अधूरी है, जिसके लिए विभाग को देसी नस्ल की गाय को बढ़ावा देना चाहिए तथा नस्ल सुधार की दिशा में कार्य करना चाहिए।