शहरी गरीबों ने प्रदेश में बनाए 3053 स्वयं सहायता समूह
हिमाचल प्रदेश में दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी गरीब परिवारों ने 3053 स्वयं सहायता समूह बनाए हैं। इनमें 2292 स्वयं सहायता समूहों को रिवाल्विंग फंड (पारिश्रमिक निधि) भी प्रदान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रह रहे गरीब परिवारों की सामाजिक, आर्थिक व संस्थागत क्षमता का विकास करना है।
प्रदेश में इस योजना के तहत करीब 4400 लाभार्थियों को विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और 1048 को विभिन्न संस्थानों के माध्यम से रोजगार प्रदान किया गया है। इसके तहत सभी 54 शहरी निकायों में 5790 रेहड़ी-फड़ी वालों का सर्वे किया गया है और विभिन्न पाठ्यक्रम में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है व 3515 को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिए 39 आश्रय का निर्माण किया गया है और पुराने रेन बसेरों का नवीनीकरण भी किया गया है।
प्रदेश सरकार इस योजना के तहत अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान इस योजना के तहत 1.54 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
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प्रदेश को मिल चुका है पुरस्कार
दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सफल संचालन के लिए हिमाचल प्रदेश को 2018-19 में उत्तर पूर्व क्षेत्र और हिमालयन राज्यों की श्रेणी में पहला पुरस्कार प्राप्त हुआ है। प्रदेश को पुरस्कार के तौर पर पांच करोड़ रुपये के अतिरिक्त अनुदान राशि के साथ प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ था।
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हिमाचल प्रदेश में दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शहरी गरीबों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। इसके माध्यम से स्वयं सहायता समूह गठित कर शहरी गरीब आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
-सुरेश भारद्वाज, शहरी विकास मंत्री।