स्क्रब टायफस ने पसारे पांव, 152 मरीज अस्पताल पहुंचे
इस साल में अभी तक स्क्रब टायफस की चपेट में आने के सबसे अधिक 57 मामले जिला बिलासपुर में सामने आए हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। बरसात के मौसम प्रदेश में प्रदेश में स्क्रब टायफस बुखार ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। प्रदेशभर में स्क्रब टायफस बुखार की चपेट में आने वाले 152 मरीज अस्पतालों में पहुंच हैं।स्वास्थ्य विभाग ने 18 जुलाई तक के आंकड़े जारी किए हैं।
विभाग के अधिकारियों की मानें तो अब स्क्रब टायफस बुखार की चपेट में लाने वाला पिस्सू बरसात में अधिक सक्रिय हो जाता है। अक्टूबर तक स्क्रब का खतरा अधिक रहेगा। प्रदेश में स्क्रब टायफस से एक मरीज की मौत हो चुकी है। इस साल में अभी तक स्क्रब टायफस की चपेट में आने के सबसे अधिक 57 मामले जिला बिलासपुर में सामने आए हैं।
लापरवाही पड़ सकती है जान पर भारी
स्क्रब टायफस बुखार को लेकर लापरवाही बरतना मरीज को भारी पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार स्क्रब टायफस बुखार तीन दिन में ही असर दिखाना शुरू कर देता है। यदि बुखार होने के तीन दिन के दौरान इसकी दवा नहीं ली तो स्क्रब टायफस शरीर में किडनी और लीवर को डैमेज कर देता है। इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
इस मौसम के दौरान स्क्रब टाइफस का खतरा बढ़ जाता है। अस्पतालों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसकी दवाइयों भी उप स्वास्थ्य केंद्रों तक मुहैया करवा दी गई है।
-डॉ. बलदेव ठाकुर, निदेशक स्वास्थ्य विभाग।
लक्षण
-तेज बुखार जो 104 से 105 डिग्री तक जा सकता है।
-जोड़ों में दर्द व कंपकंपी के साथ बुखार।
-शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना।
-अधिक संक्रमण में गर्दन, शरीर पर गिल्टियां होना।
सावधानियां
- अपने शरीर को कपड़ों से पूरा ढक कर रखें।
-शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
-घर के चारों ओर घास व खरपतवार न उगने दें। घर के आसपास सजावट के लिए लगे
पौधों पर कीटनाशक दवा छिड़कें।
-बुखार के लक्षण होते ही स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।