विभूति एक, दो स्कूलों के सूचना बोर्ड पर नाम
राज्य ब्यूरो, शिमला : 'अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती' योजना सरकारी स्कूलों
राज्य ब्यूरो, शिमला : 'अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती' योजना सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। लेकिन इस योजना ने कई विभूतियों को असमंजस में डाल दिया है। दरअसल इस योजना के तहत सरकारी स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने वाले जो विद्यार्थी अब अधिकारी बन चुके हैं या अन्य विभूतियों के नाम स्कूल के सूचना बोर्ड पर लगाने हैं, ताकि अध्ययनरत बच्चे प्रोत्साहित हों। कई विभूतियां ऐसी हैं जिन्होंने प्राइमरी के बाद की पढ़ाई दूसरे स्कूल में की है। ऐसे में उनके नाम दोनों स्कूलों ने अपने सूचना बोर्ड पर लिख दिए हैं। अब इस योजना के तहत विभूतियों से पांच हजार रुपये लेने की अधिसूचना भी जारी हुई है। ऐसे में यह विभूतियां असमंजस में हैं कि क्या उन्हें दोनों स्कूलों में पांच-पांच हजार रुपये देने हैं या एक ही स्कूल को तय धनराशि देनी है।
हैरानी की बात यह है कि ऐसी विभूति को बाद में पता चलता है कि उनका नाम स्कूल के सूचना बोर्ड पर लिख दिया गया है। स्कूल अधिकारियों या ऐसी विभूतियों से बिना पूछे सूचना बोर्ड नाम लिख रहे हैं। बाद में उन्हें फोन कर बताया जा रहा है कि उनका नाम 'अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती' योजना के तहत बोर्ड पर लिख दिया है। हालांकि स्कूल प्रबंधन उनसे सीधे पांच हजार रुपये तो नहीं मांग रहा है, लेकिन विनम्रतापूर्वक यह जरूर बताया जा रहा है कि सरकार की अधिसूचना है कि बोर्ड पर नाम लिखने के पांच हजार रुपये हैं। एसएमसी तय करेगी
'अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती' योजना के तहत स्कूल के नोटिस बोर्ड पर जिस विभूति का नाम लिखा गया है उससे पांच हजार रुपये लेने हैं या नहीं, यह वहां की स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) तय करेगी। यह शक्तियां एसएमसी को दी गई हैं।
-डॉ. अरुण शर्मा, शिक्षा सचिव, प्रदेश सरकार।