अभिभावकों की सहमति की शर्त हटाई, स्कूल आने का नहीं होगा दबाव
कोरोना महामारी के खतरे के बीच प्रदेश में पहली फरवरी से स्कूल
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना महामारी के खतरे के बीच प्रदेश में पहली फरवरी से स्कूल खुल जाएंगे। प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। स्कूल आने के लिए नवंबर में लगाई गई अभिभावकों के सहमति पत्र की शर्त को शिक्षा विभाग ने हटा दिया है। स्कूलों में विद्यार्थियों की हाजिरी लगेगी। यदि बच्चे स्कूल नहीं आते तो उनका नाम कक्षा से नहीं कटेगा। शिक्षक भी विद्यार्थियों पर स्कूल आने का दबाव नहीं डालेंगे। कक्षा में शारीरिक दूरी का नियम लागू होगा। शिक्षक और विद्यार्थी मास्क पहन कर ही आएंगे। परिसर में जगह-जगह सैनिटाइजर रखे जाएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों के लिए अक्टूबर में आई गाइडलाइन में विभाग कुछ बदलाव करेगा। निदेशक उच्चतर शिक्षा डा. अमरजीत शर्मा सभी शिक्षा उपनिदेशकों और प्रधानाचार्यो के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करेंगे। इसमें स्कूलों की व्यवस्था पर चर्चा की जाएगी, किस स्कूल में कितने विद्यार्थी हैं, शारीरिक दूरी के नियम के तहत कक्षा में बैठने की व्यवस्था हो सकती है या नहीं, विद्यार्थी स्कूल पैदल आते हैं या बसों में, इन सभी चीजों पर चर्चा के बाद गाइडलाइन तैयार की जाएगी।
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जुकाम वाले विद्यार्थी नहीं आएंगे स्कूल
शिक्षा विभाग के मुताबिक स्कूलों में बुखार-जुकाम के लक्षण वाले विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे। इस संबंध में निर्देश दे दिए जाएंगे। स्कूल में प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनिंग होगी। हर क्लास को नियमित तरीके से सैनिटाइज किया जाएगा।
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जो गाइडलाइन केंद्र से आई थी उसी के अनुसार स्कूल खुलेंगे। इसमें कुछ नई चीजें जोड़ी जाएंगी। विद्यार्थियों की हाजिरी लगेगी, यदि कोई स्कूल नहीं आना चाहता तो वह ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं।
-राजीव शर्मा, सचिव शिक्षा।