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Himachal snowfall: बर्फबारी से बागवानों को राहत; लोगों की बढ़ी आफत

Snowfall in Himachal हिमाचल में बुधवार को हुई बारिश और बर्फबारी से लोगों की परेशानियां बढ़ गयी है तो वहीं बागवानों के लिए ये किसी संजीवनी से कम नहीं है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 08:14 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 08:14 AM (IST)
Himachal snowfall: बर्फबारी से बागवानों को राहत; लोगों की बढ़ी आफत

शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला को भले बुधवार को सफेद चादर से ढके देखने की तमन्ना पूरी नहीं हो सकी, लेकिन बारिश और कड़ाके की ठंड ने सर्दी का अहसास करवा दिया। रिज मैदान से लेकर शहर के हर स्कूल के रास्ते में बच्चे ठिठुरते देखे गए। हाथ में छाते को संभालते हुए बच्चों को स्कूल पहुंचना पड़ा। तेज हवा में बच्चों को ही नहीं महिला कर्मचारियों को भी खासा परेशान किया। शिमला में सुबह छह से दस बजे तक बारिश होती रही। 

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मौसम विभाग के मुताबिक, शहर में बर्फबारी के लिए अभी कुछ दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। वीरवार को मौसम में हलका सुधार होने की संभावना है। इसके बाद लगातार चार से पांच दिन तक मौसम साफ रहेगा। रिज मैदान पर हवा इतनी तेज थी कि तिरंगे को संभालने  के लिए जिला प्रशासन के कर्मचारियों को करीब आधा घंटा मशक्कत करनी पड़ी। वहीं पर्यटन स्थल नारकंडा में मंगलवार रात को सीजन का पहला हिमपात हुआ। नारकंडा में करीब डेढ़ इंच बर्फ रिकॉर्ड की गई। जबकि हाटू पीक पर करीब छह इंच बर्फबारी हुई। शिमला सहित निचले क्षेत्रों में रातभर रिमझिम बारिश होती रही। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड बढ़ गई है। नवंबर में हुई बर्फबारी के बाद इस विंटर सीजन में अच्छी बर्फबारी और बारिश होने की उम्मीद जग गई है। मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक मनमोहन ने कहा कि ठंड से वीरवार को कुछ राहत मिलेगी। 

 

पांगी नाला के पास चट्टानें गिरने से मार्ग बाधित, यात्री किए रेस्क्यू

जिला किन्नौर में मंगलवार देर शाम से हो रही बारिश व बर्फबारी के कारण संपर्क मार्गों सहित जिला किन्नौर एनएच-5 पूह काजा की ओर पांगी नाला के पास पहाड़ी से चट्टानें गिरने के कारण बाधित हो गया

है। इससे पूह काजा की ओर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। हालांकि अवरुद्ध मार्ग को खोलने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की मशीनरी व कर्मचारी लगे हुए हैं, लेकिन चट्टानें गिरने से मार्ग को बहाल करने में मुश्किल पेश आ रही है। 

बुधवार को जिला प्रशासन को सूचना मिली कि मार्ग अवरुद्ध होने के कारण करीब 22 यात्री फंसे हुए हैं जिस पर बीआरओ, होमगार्ड, पुलिस क्यूआरटी की टीम मौके पर पहुंची और लोगों को रेस्क्यू किया। एसडीएम कल्पा व डीएसपी हेड क्वार्टर ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान जिला प्रशासन ने 25 वर्षीय कलजंग छोकिद निवासी काजा की तबीयत बिगड़ने पर क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में प्राथमिक उपचार दिलाया।

मार्ग को खोलने के लिए बीआरओ की मशीनरी तथा कर्मचारी लगे हुए हैं। जल्द मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा। लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में जान जोखिम में डालकर यात्रा न करें। 

-मेजर अवनींद्र शर्मा, एसडीएम कल्पा।

बागवानों के लिए राहत

नवंबर में हुई बर्फबारी से बागवानों ने राहत की सांस ली है। इस बार की बर्फबारी से उम्मीद बंधी है कि विंटर सीजन लंबा चलेगा। उन्हें सेब के उत्पादन के लिए जितने चिलिंग आवर चाहिए होते हैं इस बार उनके पूरे होने की उम्मीद बंध गई है।

बागवानों को राहत लोगों के लिए आफत 

जनजातीय क्षेत्र जिला किन्नौर में मंगलवार रात को मौसम का पहला भारी हिमपात हुआ। बर्फबारी के बाद तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है। जिले के ऊपरी क्षेत्रों छितकुल, रक्षम, कुन्नू, चारंग, नेसंग, आसरंग तथा कल्पा में करीब एक फीट हिमपात हुआ है। जबकि निचले क्षेत्रों जिला मुख्यालय रिकांगपिओ सहित पांगी, भावा वैली, यूला, यांगपा, चगांव, रामनी व निचार में चार से छह इंच तक ताजा हिमपात हुआ है। बर्फबारी बागवानों को राहत व लोगों को आफत लेकर आई।

जिला मुख्यालय रिकांगपिओ से शिमला की ओर तो बस यातायात सामान्य रूप से चल रहा है, लेकिन जिले के 70 फीसद संपर्क मार्गों पर बर्फ जमी होने के कारण यातायात पूर्ण रूप से बंद हो गया है। रिकांगपिओ अड्डा सह प्रभारी गोपाल चंद्र नेगी ने बताया कि बर्फबारी के कारण जिले के सभी संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे सभी संपर्क मार्गों पर निगम की बसों की आवाजाही नहीं हो पाई। निगम की काजा, ताबो, समधू, लियो, पूह, नेसंग, कानम, लिप्पा व यंगपा में एक-एक बस फंस गई है। इसके अलावा सांगला में निगम की दो बसें व एक ट्रैक्स फंस गई है। 

उपायुक्त गोपाल चंद ने कल्पा तथा पूह ब्लॉक के सभी स्कूलों में बुधवार को अवकाश घोषित कर दिया। वहीं जिले के लोगों को बर्फबारी के दौरान एहतियात बरतने की बात कही व जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है। 

नवंबर में बारिश व बर्फबारी

बागवानी के लिए लाभदायक  ठियोग के आसपास की चोटियों पर हल्के हिमपात और बारिश के कारण क्षेत्र में शीतलहर बढ़ गई है। तापमान में आई खासी गिरावट के कारण स्कूली बच्चों, सरकारी कर्मचारियों को कड़कती ठंड का सामना करना पड़ा। इन दिनों क्षेत्र में शादियों का सीजन चल रहा है और मौसम में आए बदलाव से लोगों की चिंता बढ़ गई है। नारकंडा, चूड़धार, टिक्कर, कनाग की चोटियों पर बारिश के साथ हल्का हिमपात हुआ है। किसानों और बागवानों के लिए यह बारिश व बर्फबारी काफी फायदेमंद है। 

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