सेवानिवृत्ति आयु पूरी होने पर भी नौकरी पर डटे आरएम
राज्य पथ परिवहन निगम में सरकार का कोई कायदा-कानून नहीं चलता है। इसका ताजा प्रमाण है कि एक क्षेत्रीय प्रबंधक सेवानिवृत होने के बाद भी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं है। निगम प्रबंधन ने इस अधिकारी को सेवानिवृत करने की जरूरत महसूस नहीं की। हालत ये है कि वर्ष 2019 में सेवाकाल समाप्त हो चुका है और क्षेत्रीय प्रबंधक मुख्यालय में सेवाएं दे रहा है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) में एक क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) 58 साल की आयु पूरी होने के बाद भी कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। निगम प्रबंधन ने इस अधिकारी को सेवानिवृत्त करने की जरूरत महसूस नहीं की। हालत यह है कि वर्ष 2019 में इन दृष्टिबाधित आरएम का सेवाकाल पूरा हो चुका है। इसके बावजूद वह मुख्यालय में सेवाएं दे रहे हैं।
निगम प्रबंधन ने सरकार को फाइल भेजकर पूछा है कि क्या दृष्टिबाधित कर्मियों के लिए पुराने नियम लागू हैं या नहीं? यदि ऐसा है तो आरएम को किस मद से हर महीने वेतन का भुगतान किया जा रहा है। वर्ष 2013 के सेवा नियमों को आधार बनाकर शिमला जिला के रामपुर स्थित निगम पेट्रोल पंप के अटेंडेंट ने सरकार से 60 वर्ष तक सेवा करने का मौका चाहा था। उसका आवेदन नकार दिया गया था।
सरकारी कर्मचारी 58 वर्ष तक सेवाएं दे सकते हैं। वित्त विभाग ने 29 मार्च 2013 को कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से बताया था कि सभी सरकारी विभागों में दृष्टिबाधितों का सेवाकाल दो वर्ष बढ़ाया गया है। भाजपा सरकार ने कर्मचारियों को सरकारी नौकरी में 60 वर्ष तक रखने की अधिसूचना पिछले वर्ष वापस ले ली थी। चार नवंबर 2019 को वित्त विभाग की ओर से दृष्टिबाधित कर्मचारियों के संबंध में पुराने आदेश वापस लिए गए थे। वित्त विभाग की ओर से पिछले वर्ष सभी सरकारी व सार्वजनिक उपक्रमों को कार्यालय ज्ञापन (ऑफिस मेमोरेंडम) के माध्यम से अवगत करवाया गया कि सरकारी नौकरी कर रहे दृष्टिबाधित व्यक्ति 58 साल की आयु में सेवानिवृत्त किए जाएंगे। किसी दृष्टिबाधित कर्मचारी को दो साल का अतिरिक्त सेवाकाल नहीं मिलेगा।
----------- दिव्यांग आरएम द्वारा 58 साल की आयु पूरी करने के बाद भी नौकरी करने का मामला सामने लाया है। इस मामले में आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
युनस, प्रबंध निदेशक, एचआरटीसी