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धवाला व सुखराम ने घेरी अपनी सरकार

मॉनसून सत्र बेशक समाप्ति की ओर है। लेकिन सदन में सरकार के अपने ही सत्ता पक्ष के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं। वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री रमेश धवाला और पांवटा के विधायक एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सुखराम चौधरी ने सरकार को जमकर घेरा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 05:28 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 05:28 PM (IST)
धवाला व सुखराम ने घेरी अपनी सरकार

राज्य ब्यूरो, शिमला : ज्वालामुखी से भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री रमेश धवाला और पांवटा से विधायक एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सुखराम चौधरी ने वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान अपनी ही सरकार को जमकर घेरा। रमेश धवाला ने पूछा कि आयुर्वेद विभाग में 17-18 साल से कार्यरत 190 कर्मी कब तक नियमित होंगे? ये कर्मी वर्ष 2001 से 2003 के बीच नियुक्त हुए थे। ये कर्मचारी 12 साल तक अंशकालीन कहलाए। वे सात साल दिहाड़ीदार के तौर पर पूरे कर चुके हैं।

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स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने जवाब में कहा कि विभाग के पास अभी कोई वेकेंसी नहीं है, इस कारण ये कर्मी नियमित नहीं हो पाएंगे। जैसे ही वेकेंसी होगी, वे वरिष्ठता के आधार पर पक्के होंगे। लेकिन धवाला ने उत्तर पर सवाल उठाए। उन्होंने आरटीआइ की सूचना का हवाला दिया जिसके अनुसार विभाग में चतुर्थ श्रेणी के 184 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के ही कर्मी पक्के नहीं हो पा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि विभाग में चतुर्थ श्रेणी के 1093 स्वीकृत पद हैं जो सभी भरे हुए हैं। ऐसे में 190 कर्मियों को नियमित होने में काफी समय लगेगा। इस संबंध में प्रस्तावना भेजी गई है। कागजात तैयार किए गए हैं। जब पद सृजित होंगे, तब नियमित किया जाएगा। इस मुद्दे पर विधायक रामलाल ठाकुर व राजेंद्र गर्ग ने भी सवाल उठाए। कब कितने दिहाड़ीदार पक्के हुए

वर्ष,दिहाड़ीदार

2013,513

2016,100

2017,63

2018,28

2019,13

....... सुखराम ने सरवीण चौधरी के उत्तर पर जताई आपत्ति

-कहा, पांवटा में यमुना नदी के किनारे फेंका जा रहा कचरा

-सरेआम अवैज्ञानिक तरीके से जलाया जाता है कूड़ा

राज्य ब्यूरो, शिमला : भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने नगर परिषद पांवटा की कार्यप्रणाली के बहाने सरकार पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पांवटा में कूड़े कचरे को यमुना नदी के किनारे फेंका जाता है। कूड़े को सरेआम अवैज्ञानिक तरीके से जलाया जाता है। इससे नदी से जुड़ी आस्थाएं आहत हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि इससे किसी प्रकार की कोई खाद तैयार नहीं की जाती है। उन्होंने इस संबंध में शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी के दावों को सही नहीं माना। सुखराम ने सरवीण चौधरी के उत्तर पर आपत्ति जताई। विधायक ने कहा कि प्रदूषण बिगड़ने से पांवटा की संस्थाओं ने सवाल उठाए हैं। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार पांवटा के साथ एक पंचायत में कूड़ा संयंत्र स्थापित करेगी। लेकिन लोगों के विरोध के बावजूद चारदीवारी के निर्माण का कार्य रोका गया है। इसे लोगों के साथ बातचीत के जरिये सुलझाया जाएगा। इसका कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा।


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