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सरकारी बसें फुल, निजी बनी सहारा

-मुफ्त यात्रा से वंचित रही महिलाएं किराया देकर पहुंची राखी बांधने -पुराने बस स्टैंड में सर

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 04:20 PM (IST)
सरकारी बसें फुल, निजी बनी सहारा
सरकारी बसें फुल, निजी बनी सहारा

-मुफ्त यात्रा से वंचित रही महिलाएं, किराया देकर पहुंची राखी बांधने

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-पुराने बस स्टैंड में सरकारी बसों की आवाजाही रही कम

-100 फीसद सवारियां पूरी होने के बाद नहीं बिठा रहे थे परिचालक

-लाइव रपट

-दिन-सोमवार

-समय-सुबह 11.30

-स्थान- पुराना बस स्टैंड शिमला

जागरण संवाददाता, शिमला : कुछ महिलाएं बच्चों के साथ बस का इंतजार कर रही थीं। महिलाएं भाई को राखी पहनाने के लिए उत्सुक नजर आ रही थीं। बस स्टैंड में सरकारी से ज्यादा निजी बसें खड़ी थी। महिलाएं मुफ्त सफर की उम्मीद में सरकारी बस का इंतजार कर रही थीं। काफी देर इंतजार करने के बाद बस आई लेकिन भीड़ अधिक होने से बस भर गई। सीटें फुल देखकर महिलाओं ने बस में चढ़ना उचित नहीं समझा। मजबूरन महिलाओं को निजी बस में बैठना पड़ा।

नियमों के अनुसार बस में 100 फीसद सवारी पूरी होने के बाद परिचालक अन्य सवारियां नहीं बिठा रहे थे। ऐसे में महिलाओं में रोष था। शिमला के पुराना बस स्टैंड से टुटू, ढांडा, कुनिहार, तारादेवी, शोघी, आइएसबीटी, न्यू शिमला, कंगनाधार, गलोत, चनोग, पनोई, कठियाणा सहित जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों को बसें चलती हैं। सोमवार को रक्षाबंधन के कारण शहर में लोगों की अधिक आवाजाही रही। कोरोना के कारण कुछ रूटों पर हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की नहीं चलीं। इस कारण लोगों को आवाजाही करने में परेशानी झेलनी पड़ी।

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निजी वाहनों से लगा जाम

रक्षाबंधन मनाने व कोरोना संकट से एहतिहात बरतते हुए कुछ लोग निजी वाहनों में आवाजाही करते दिखे। कहीं बहनें भाई के घर तो भाई बहन के घर पहुंचे। सड़क पर अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक निजी वाहन दौड़ते आए। इस कारण विक्ट्री टनल और बस स्टैंड में सुबह से दोपहर तक जाम लगता रहा। इस कारण राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

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सीट न मिलने पर बस से उतरी महिलाएं

लक्कड़बाजार में सीट न मिलने पर एक सरकारी बस से महिलाओं को उतरना पड़ा। यह सरकारी बस करसोग जा रही थी। इसमें 70 से 80 फीसद सीटों पर पुरुष बैठे हुए थे। लेकिन मुफ्त सफर की आस में जब आठ से 10 महिलाएं बस में चढ़ी तो सीटें फुल थीं। मजबूरन महिलाओं को निजी बस का रूख करना पड़ा। महिलाओं का कहना है कि सरकार ने रक्षाबंधन के लिए मुफ्त सेवा दी है तो बसों का भी अतिरिक्त प्रबंध किया जाना चाहिए था ताकि बसों में बैठने की सही व्यवस्था हो सके।


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