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दखल नहीं, मांगने पर राय देता है संघ

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय सहप्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने कहा कि संघ केवल राय देता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 11:20 PM (IST)
दखल नहीं, मांगने पर राय देता है संघ
दखल नहीं, मांगने पर राय देता है संघ

राज्य ब्यूरो, शिमला : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय सहप्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने कहा कि भ्रांतियां फैलाई जाती हैं कि संघ का सरकार में दखल या हस्तक्षेप होता है। यह गलत धारणा है। चाहे प्रदेश सरकार की बात हो या फिर दूसरे प्रांतों की, संघ केवल राय देता है और वह भी यदि कोई मांगने के लिए आए तो।

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नरेंद्र कुमार ने शिमला प्रवास के दौरान मीडिया से समसामयिक विषयों पर चर्चा करते हुए कहा कि नशा समाज के लिए खतरनाक हो गया है। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुटता से लड़ने की जरूरत है। आरक्षण के मामले में भी समाज के विभिन्न वर्गो को आपसी सामंजस्य से निर्णय लेना पड़ेगा। प्रदेश में जातिगत भेदभाव दूर करने के लिए काम हो रहा है। संघ सीधे तौर पर किसी भी तरह के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। समाज को ही प्रत्येक बुराई के लिए जिम्मेदारी उठानी होगी तभी सार्थक परिणाम सामने आते हैं। इस समय केरल में बाढ़ से भारी तबाही हुई है। इस स्थिति में प्रभावितों की मदद करने के लिए संघ के कार्यकर्ता स्वेच्छा से आगे आए हैं। कुछ वर्षो के दौरान संघ विचार का विस्तार हो रहा है। युवा पीढ़ी की संघ विचार में रुचि बढ़ी है। ऐसा वर्ष 2010 के बाद से देखने में आया है। हिमाचल में सेवा करने के भाव से 40 प्रतिशत, शाखा लगाने के लिए 25 प्रतिशत व दो से पांच प्रतिशत लोग किसी प्रकार का लाभ उठाने के लिए जुड़ते हैं। इसके अतिरिक्त जो भी संघ विचार के साथ प्रभावित होकर आता है, वह समयानुसार अपना योगदान सुनिश्चित करता है। संघ का मूल कार्य शाखा लगाना है। इसके अलावा वर्ष 2024 तक लक्ष्य रखा गया है कि शाखा, मिलन और हर गांव में मंडली गठन हो। अब लोग संघ के करीब आने लगे हैं। हर वर्ष इंटरनेट के माध्यम से दस हजार लोग संघ से जुड़ते हैं। 40 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं का संघ के प्रति झुकाव पैदा हुआ है। हर साल एक लाख लोग प्राथमिक जानकारी लेते हैं। हर वर्ष 70-80 लाख लोग संघ की विचारधारा से जुड़ते हैं। उतर-पूर्वी राज्यों में संघ की शाखाएं नहीं चलती हैं। इसके अलावा देश के सभी राज्यों में संघ का आधार है। देश में वर्ष 2018 तक 57 हजार शाखाएं चल रही हैं। वर्ष 2010 में शाखाओं की संख्या 38 हजार थी। संघ की गतिविधियों का प्रचार पत्रिकाओं के माध्यम से हर प्रांत में होता है। 56 हजार मंडलों में संघ के कार्य चल रहे हैं। 28 हजार मंडलों में साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम होते हैं। संघ की गतिविधियों को गांव तक ले जाने की योजना है। इस दौरान प्रांत प्रचार प्रमुख महीदर प्रसाद भी मौजूद थे।


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