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गड़बड़झाले के खुलासे के बाद निदेशक आयुर्वेद की खरीद कमेटी निलंबित

सरकार ने आयुर्वेद विभाग के निदेशक संजीव भटनागर की ओर से गठित खरीद कमेटी के तीन अधिकारियों में डा. केडी शर्मा डा. शैली बंसल व तेजस्वी आजाद को निलंबित कर दिया।

By Edited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 10:40 AM (IST)
गड़बड़झाले के खुलासे के बाद निदेशक आयुर्वेद की खरीद कमेटी निलंबित

शिमला, प्रकाश भारद्वाज। प्रदेश सरकार ने आयुर्वेद विभाग के निदेशक संजीव भटनागर की ओर से गठित खरीद कमेटी के तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। आयुर्वेद विभाग के इन अधिकारियों को विभाग में मशीनों व उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितता के आरोप में निलंबित किया गया है। दैनिक जागरण की ओर से उठाए गए मामले पर यह कार्रवाई की गई है। निलंबित अधिकारियों में उपनिदेशक कांगड़ा जोन डॉ. तेजस्वी विजय आजाद, जिला शिमला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. केडी शर्मा और शिमला जिला के संधू में तैनात उपमंडल आयुर्वेद अधिकारी डॉ. शैली बंसल शामिल हैं। तीनों अधिकारी विभाग में उपकरणों की खरीद मामले की जांच पूरी होने तक निलंबित रहेंगे।

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शनिवार दोपहर बाद सरकार की ओर से निलंबन से संबंधित आदेश जारी किए गए। प्रदेश सचिवालय शिमला से आयुर्वेद विभाग का लिपिक सुनील कुमार फाइल लेकर हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) पहुंचा। वहां आयुर्वेद विभाग का अतिरिक्त दायित्व देख रहीं सचिव डॉ. पूर्णिमा चौहान ने निलंबन से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद विभाग की ओर से संजीव भटनागर को आदेश पालन करने के लिए भेजे गए। परमार ने दिए निलंबन आदेश निदेशक आयुर्वेद संजीव भटनागर ने शनिवार को विभाग द्वारा मशीनों व उपकरणों की खरीद के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार को विस्तृत जानकारी दी।

अधिकारियों के साथ विस्तारपूर्वक चर्चा के बाद मंत्री ने मशीनों व उपकरणों की खरीद में शामिल तीन अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दिए। परमार ने अधिकारियों को विभाग में उपकरणों व अन्य वस्तुओं की खरीद में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए। भटनागर ने बनाई थी कमेटी संजीव भटनागर ने तकनीकी तौर पर दक्ष उपकरणों की खरीद कमेटी को हटाकर नई कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में डॉ. तेजस्वी आजाद, डॉ. केडी शर्मा व डॉ. शैली बंसल को खरीद प्रक्रिया पूरी करने के लिए नियुक्त किया गया था। भटनागर की बनाई कमेटी में सभी सदस्य स्नातक थे जो खरीद प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते थे।

क्या है मामला

आयुर्वेद विभाग में मशीनों व उपकरणों की खरीद में गड़बड़झाले को लेकर दैनिक जागरण ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे। 23 जून से सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की गई। पहली खबर में खुलासा किया गया कि आयुर्वेद विभाग ने 1599 रुपये की शुगर टेस्टिंग मशीन 4200 रुपये में खरीदी। इस मूल्य पर 700 मशीनें खरीदी गई। दूसरी खबर में उजागर किया गया कि एम्स ने जो हीमोग्लोबिन मीटर मशीन 19 हजार रुपये में खरीदी, उसे आयुर्वेद विभाग ने 25 हजार रुपये में खरीदा। इसके बाद निदेशक आयुर्वेद संजीव भटनागर ने सार्वजिनक अवकाश के दिन रविवार को डाटा एंट्री करने वाले वरिष्ठ सहायक को निलंबित कर दिया। लेकिन एक दिन बाद ही अपने निर्णय को पलटते हुए उसका निलंबन रद कर दिया। इसके साथ स्वयं की ओर से गठित खरीद कमेटी के तीनों सदस्यों को कारण बताओ नोटिस दिया गया। इसके बाद समाचार प्रकाशित किया गया कि विभाग ने 380 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज करने वाले 300 थर्मामीटर खरीद लिए।

दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई : परमार

स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने कहा कि आयुर्वेद विभाग में उपकरणों व बॉयोमीट्रिक मशीनों की खरीद को लेकर अनियमितताओं को लेकर जांच की जा रही है। इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ी तो एफआइआर दर्ज करने के अलावा विजिलेंस जांच करवाई जाएगी। विपिन परमार ने सचिवालय में पत्रकारों से कहा कि इस मामले में आयुर्वेद विभाग को प्रारंभिक जांच और इसकी रिपोर्ट जल्द देने के निर्देश जारी किए हैं। आयुर्वेद व स्वास्थ्य विभाग में किसी भी तरह के मामले में भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। बॉयोमीट्रिक मशीनों की खरीद की जांच का जिम्मा विशेष सचिव (स्वास्थ्य) निपुण ¨जदल को सौंपकर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य निदेशक ने अस्पतालों को बॉयोमीट्रिक मशीनों की खरीद के लिए कहा था। मंत्री बनने का ख्वाब देखने वाले बना रहे मुझे प्रदेशाध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि कुछ लोग उन्हें मंत्री पद से हटाकर मंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। इसलिए वे उन्हें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाने या केंद्र भेजने की बातें फैला रहे हैं। सतपाल सत्ती की जगह अब भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बदला जाना है। प्रदेश अध्यक्ष की कमान भाजपा के वरिष्ठ नेता को सौंपी जानी है जिसमें कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।


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