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हिमाचल: अभी नियमित नहीं होंगे पीटीए शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला

हिमाचल के स्‍कूलों में 13 साल से सेवाएं दे रहे पीटीए शिक्षकों को अभी नियमित नहीं किया गया है इस मामले में सुप्रीम कोर्ट निर्णय करेगा।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 08:28 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 08:28 AM (IST)
हिमाचल: अभी नियमित नहीं होंगे पीटीए शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला
हिमाचल: अभी नियमित नहीं होंगे पीटीए शिक्षक, सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के स्कूलों में 13 साल से सेवाएं दे रहे पीटीए शिक्षक अभी नियमित नहीं हो पाएंगे। इनका नियमितीकरण सुप्रीमकोर्ट में हुई तीन अपीलों में आने वाले निर्णयों पर निर्भर करेगा। अभी स्कूलों और कॉलेजों में कुल 6276 शिक्षक पीटीए आधार पर नियुक्त हैं। इसमें से 4995 शिक्षक को अनुबंध पर आए तीन साल से अधिक का समय हो गया है, लेकिन यह भी नियमित नहीं हो पाए हैं। शेष शिक्षकों को सरकार ग्रांट इन एड जारी करती है। 

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डलहौजी की विधायक आशा कुमारी और ठियोग के विधायक राकेश सिंघा के सवाल के लिखित उत्तर में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नियमितीकरण की राह में कानूनी अड़चन को देखते हुए सुप्रीमकोर्ट में लंबित अपीलों का हवाला दिया। इससे पहले आउटसोर्स कर्मियों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पीटीए शिक्षकों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने केवल घोषणा की, लेकिन मौजूदा सरकार ने इन शिक्षकों को संबल दिया। हालांकि नेता प्रतिपक्ष ने सवाल को राजनीतिक पालने में झुलाने का आरोप लगाया था। जयराम ने तंज कसा था कि वह कांग्रेस की तरह शिक्षकों से राजनीतिक लाभ के लिए तालियां नहीं पिटवाएंगे।

सरकारी कर्मचारी नहीं कहलाएंगे आउटसोर्स कर्मी

प्रदेश में 12165 आउटसोर्स कर्मियों के लिए अच्छी खबर नहीं है। वह न तो अनुबंध पर आएंगे और न ही सरकारी कर्मचारी कहलाएंगे। सरकार ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान अपनी नीति स्पष्ट कर दी। हालांकि सरकार यह तय करेगी कि इन कर्मियों का कंपनियों के हाथों शोषण न हों। शुक्रवार को यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। इसके बहाने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के नाम पर छलावा करने का आरोप लगाया। उन्होंने नीति बनाने की मांग करने वाले विपक्ष को अपना कार्यकाल याद दिलाया। इस पर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।

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विक्रमादित्य सिंह ने चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने सत्ता में आने पर आउटसोर्स कर्मियों के लिए नियमितीकरण नीति बनाने की बात कही थी। कांग्रेस विधायकों मुकेश अग्निहोत्री, मोहन लाल ब्राक्टा ने इस मामले को उठाया। ब्राक्टा ने इन नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर मांगा। मुकेश ने कहा कि अफसरशाही ने जो रास्ते निकाले हैं, आप उस पर चल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिचौलिये 23 करोड़ रुपये खा रहे हैं।  यह पैसा क्यों न सीधे कर्मियों के खातों में जाएं।

सीएम ने दिया करारा जवाब

मुख्यमंत्री ने मुकेश की बातों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स नीति पूर्व कांग्रेस सरकार ने पहली जुलाई 2017 को बनाई थी। हम तो केवल लागू कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने चुनावी वर्ष में अपने अंतिम दिनों में पीटीए शिक्षकों के लिए पीटरहॉफ में रैली रखी और पार्टी के लिए खुला समर्थन मांगा। कर्मियों को देनी होगी पे स्लिप सरकार ने 13 अगस्त को नए निर्देश जारी किए हैं। आउटसोर्स कर्मियों को 11 करोड़ के अतिरिक्त लाभ दिए हैं। अब कंपनी को कर्मियों को मासिक पे स्लिप देनी होगी।

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