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एंबुलेंस मार्ग के लिए एनओसी न देने पर जतोग रेलवे स्टेशन पर धरना

जागरण संवाददाता शिमला एंबुलेंस मार्ग के लिए ट्रेन मंत्रालय से अनुमति देने की मांग के संबंध म

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:36 PM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:36 PM (IST)
एंबुलेंस मार्ग के लिए एनओसी न देने पर जतोग रेलवे स्टेशन पर धरना
एंबुलेंस मार्ग के लिए एनओसी न देने पर जतोग रेलवे स्टेशन पर धरना

जागरण संवाददाता, शिमला : एंबुलेंस मार्ग के लिए ट्रेन मंत्रालय से अनुमति देने की मांग के संबंध में नगर निगम के मज्याठ वार्ड के लोगों ने जतोग रेलवे स्टेशन पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद कालका से शिमला आ रही मालगाड़ी को कैथलीघाट में, जबकि शिमला से कालका जा रही ट्रेन को समरहिल में ही रोक दिया गया।

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ट्रेन न आने के बाद भी मज्याठ वार्ड के लोग पटरी पर डटे रहे। जतोग रेलवे स्टेशन के अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत का प्रयास करते रहे। सुबह आठ से दोपहर बाद तीन बजे तक जतोग स्टेशन पर प्रदर्शन जारी रहा। इस बीच अंबाला रेलवे मंडल के अधिकारियों ने मज्याठ वार्ड के पार्षद दिवाकर देव शर्मा ने बात की और बैठक कर मामले को सुलझाने का आश्वासन दिया।

उधर, अंबाला रेलवे मंडल के अधिकारी पीयूष प्रूथी ने वार्ड के लोगों को रेलवे ओवरब्रिज बनाने की अनुमति देने का आश्वासन दिया है। शिमला में पहली बार इस तरह का प्रदर्शन किया गया।

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सात अक्टूबर को होगी बैठक

मज्याठ वार्ड के लोगों के साथ सात अक्टूबर को रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी पीयूष प्रूथी बैठक करेंगे। इस दौरान वार्ड के लोगों को एंबुलेंस सड़क देने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। मज्याठ वार्ड के लोगों ने चेतावनी दी है कि सात अक्टूबर तक वह धरना टाल रहे हैं। बैठक में यदि लोगों को सकारात्मक परिणाम नहीं मिले तो प्रदर्शन इसी तरह जारी रहेगा।

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एंबुलेंस मार्ग के लिए अनुमति मांग रहे मज्याठ के लोग

मज्याठ वार्ड में एंबुलेंस मार्ग न होने के कारण लोगों को बीमारी की स्थिति में पालकी से मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। एंबुलेंस मार्ग बनाने के लिए रेल मंत्रालय की जमीन आती है। पिछले तीन वर्ष से वार्ड पार्षद दिवाकर शर्मा रेल मंत्रालय से पत्राचार कर जमीन की मांग कर रहे हैं। तीन वर्ष पहले तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री से भी मिल चुके हैं। रेल मंत्रालय से जमीन देने का आश्वासन मिला था, लेकिन रेलवे ने आज तक जमीन की एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) नहीं दी। गुस्साए लोगों ने अब आंदोलन तेज कर ट्रेन रोककर रोष प्रकट किया।

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यह मामला लोगों की ओर से ध्यान में लाए जाने पर मामला रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा। पहले भी इस तरह से रेलवे के ओवरब्रिज बने हैं। इसे सकारात्मकता से रेल मंत्रालय के समक्ष उठाया जाएगा।

-सुरेश कश्यप, भाजपा अध्यक्ष एवं शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद

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तीन वर्ष पहले आश्वासन के बाद भी रेल मंत्रालय ने एंबुलेंस सड़क मार्ग के लिए एनओसी नहीं दी है। इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन किया गया था। रेलवे के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद सात अक्टूबर तक धरना टाल दिया गया है। सात अक्टूबर को रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। यदि बैठक के सकारात्मक परिणाम नहीं आते हैं तो लोग फिर से ट्रेन रोककर रोष प्रकट करेंगे।

-दिवाकर देव शर्मा, पार्षद मज्याठ वार्ड


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