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अधूरा था प्रोजेक्ट, क्यों दिए अलॉटमेंट लैटर?

भाभी जी घर पर हैं सीरियल के नायक रोहिताश गौड का कहना है कि मेरा मुंबई में फ्लैट है। जहां पर मेरे नाम पर बिजली-पानी के मीटर हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है कि मैंने 42 लाख रुपये देकर शिमला में फ्लैट खरीदा मगर यहां पर न तो बिजली-पानी का मेरा अपना मीटर नहीं है। मैं यहां पर रहता नहीं हूं और मुझे तीस हजार रुपये का बिल थमा दिया था। लेकिन बाद में तीन हजार रुपये दिया। वैसे मेरे संबंध राजदीप शर्मा से अच्छे हैं मगर सवाल ये है कि उनका प्रोजेक्ट अधूरा था तो अलाटमेंट लेटर क्यों दिए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 10:24 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 06:20 AM (IST)
अधूरा था प्रोजेक्ट, क्यों दिए अलॉटमेंट लैटर?
अधूरा था प्रोजेक्ट, क्यों दिए अलॉटमेंट लैटर?

प्रकाश भारद्वाज, शिमला

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हिमाचल में बिल्डरों की ओर से लोगों को चूना लगाने के मामले कम नहीं हैं। पैसे लेने के बावजूद लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जीरकपुर की राजदीप एंड कंपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से भराड़ी (शिमला) में फ्लैट बनाए गए हैं मगर इनमें भी पूरी सुविधाएं नहीं हैं। भाभी जी घर पर हैं टीवी सीरियल के नायक रोहिताश गौड़ भी ऐसे ही लोगों में शामिल हैं जिन्हें फ्लैट में सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

रोहिताश गौड़ ने बताया कि उनका मुंबई में फ्लैट है। वहां उनके नाम पर बिजली व पानी के मीटर हैं। उन्होंने 42 लाख रुपये देकर भराड़ी में फ्लैट खरीदा था। हैरत यह है कि फ्लैट में बिजली व पानी का उनका अपना मीटर नहीं है। वह यहां पर रहते नहीं हैं। इसके बावजूद उन्हें इसका 30 हजार रुपये का बिल थमा दिया गया। बाद में तीन हजार रुपये दिए। इस कंपनी के मालिक राजदीप शर्मा से मेरे संबंध अच्छे हैं मगर सवाल यह है कि उनका प्रोजेक्ट अधूरा था तो अलॉटमेंट लैटर क्यों दिए? वह सोचते हैं कि यह फ्लैट क्यों खरीदा? जब इतना पैसा खर्च किया है तो चाहता हूं कि होम स्टे चलाकर कुछ कमाई करूं। मेरे स्वजन शिमला में रहते हैं। मैं उनके सहयोग से व्यवसाय करना चाहता था लेकिन बिल्डर राजदीप शर्मा चाहते हैं कि उनके माध्यम से होम स्टे चलाया जाए। नहीं मिली टंकी लगाने की जगह

संजौली निवासी रविकांत की कहानी भी रोहिताश गौड़ की तरह है। वह चाहते हैं कि फ्लैट में उनका अपना बिजली व पानी का मीटर हो। पानी की टंकी लगाने के लिए कई बार बातचीत हुई। इसके बावजूद टंकी लगाने की जगह नहीं दे रहे हैं। नवंबर में नौ हजार रुपये और दिसंबर में तीन हजार रुपये बिजली का बिल दिया गया। फ्लैट में कोई रहता नहीं है मगर इतना बिल चुकाना पड़ रहा है। रोहिताश गौड़ व रविकांत के फ्लैट ए-ब्लॉक में पहली व दूसरी मंजिल पर हैं। रविकांत भी अपने स्तर पर होम स्टे चलाना चाहते हैं। भराड़ी में हैं चार ब्लॉक

भराड़ी में क्लेरेडेजस रेजिडेंसी नाम से फ्लैट बनाए गए हैं। राजदीप शर्मा ने यहां चार ब्लॉक विकसित किए हैं। यहां पर ऑप्रेशनल प्रबंधक नियुक्त किया है। हालांकि अपर भराड़ी हिमालय का पता अंकित किया गया है लेकिन इसके साथ राजदीप शर्मा की कंपनी के जीरकपुर व कनॉट प्लेस दिल्ली में भी कार्यालय हैं। मनमर्जी से वसूले जा रहे बिल

जिन लोगों को फ्लैट दिए गए हैं, उनसे मनमाने ढंग से बिजली व पानी के बिल वसूले जा रहे हैं। अधिकांश फ्लैट मालिकों का कहना है कि सबमीटर कहां पर लगाकर रखे हैं, किसी को पता नहीं है। जो फ्लैट खाली हैं, उनके भी बिजली व पानी के बिल लिए जा रहे हैं। पंजीकृत नहीं है बिल्डर

क्लेरेडेजस रेजिडेंसी के फ्लैट मालिकों की ओर से कई शिकायतें मिली हैं। यहां का बिल्डर रेरा में पंजीकृत नहीं है। इसी तरह से जो बिल्डर पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें तुरंत पंजीकरण के लिए समय दिया गया है। रेरा में 29 जनवरी को पंजीकरण करवाने के लिए 17 बिल्डरों को सूचित किया गया है। यदि कोई बिल्डर पंजीकरण के लिए नहीं आएगा तो उस पर कुल प्रोजेक्ट लागत का 10 प्रतिशत जुर्माना होगा। पंजीकरण करवाने में लापरवाही बरतने वाले बिल्डरों को तीन साल की सजा हो सकती है।

-डॉ. श्रीकांत बाल्दी, रेरा अध्यक्ष


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