नहीं थमी निजी स्कूलों की मनमानी
शिमला में आंदोलन के बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी नहीं रूक रही है। शिमला के बहुत से स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने शिक्षा विभाग के आदेशों को ठेंगा दिखाकर हजारों रुपये एडमीशन फीस के नाम पर वसूले हैं।
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला में आंदोलन के बाद भी निजी स्कूलों की मनमानी नहीं रुक रही है। शिमला के बहुत से निजी स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने शिक्षा विभाग के आदेश को ठेंगा दिखा हजारों रुपये एडमिशन फीस के नाम पर वसूले हैं। इसी पर अब छात्र अभिभावक मंच ने निजी स्कूल चेलसी के खिलाफ मोर्चा खोला है। मंच ने आरोप लगाया है कि स्कूल ने जमा एक कक्षा में एडमिशन के नाम पर छात्राओं से दस हजार रुपये वसूले हैं। इसके अलावा कई अन्य स्कूल हैं, जहां पर एडमिशन फीस वसूली गई है जबकि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एडमिशन फीस न वसूलने के आदेश दिए हैं, बावजूद इसके भी निजी स्कूलों की मनमानी नहीं थम रही है। छात्र अभिभावक मंच ने एडमिशन फीस वसूलने के निर्णय की निदा की है। मंच ने तुरंत इस फीस को कुल फीस में मर्ज करने की मांग की है अन्यथा चेलसी स्कूल के बाहर अभिभावक प्रदर्शन करेंगे।
मंच संयोजक विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया चेलसी स्कूल लगातार मनमानी व लूट करता रहा है। स्कूल की मनमानी कुछ साल पहले छात्राओं की मानसिक प्रताड़ना पर सवालों के घेरे में रही थी। कई राष्ट्रीय स्तर की मानवाधिकार संस्थाओं व बच्चों की संस्थाओं ने भी कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाया था। परंतु स्कूल मनमानी करने से नहीं रुक रहा है। आरोप है कि इसी स्कूल से दसवीं करने के बाद जब छात्राओं ने जमा एक कक्षा में एडमिशन ली तो उनसे एडमिशन फीस के नाम पर दस हजार रुपये वसूले गए। यह स्कूल नर्सरी, पहली, छठी, नौवीं व जमा एक कक्षा में एडमिशन फीस लेकर ही करीब 75 लाख रुपये अभिभावकों की जेब से एंठ चुका है।
------------------- निरीक्षण के दौरान भी डाला पर्दा
मंच ने आरोप लगाया कि पिछले दिनों शिक्षा विभाग की ओर से किए गए निरीक्षण में भी इन सब बातों पर पर्दा डाला गया है। दसवीं में स्कूल की एनुअल फीस 19 हजार रुपये थे लेकिन जब उन्हीं छात्राओं ने जमा एक में एडमिशन ली तो उनकी फीस में सीधा 25 हजार रुपये का इजाफा करके 54 हजार रुपये वसूले गए। इस तरह दस हजार रुपये एडमिशन फीस की लूट के साथ ही एक वर्ष में 25 हजार रुपये की सीधी लूट की गई।
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सीबीएसई गाइडलाइन का भी नहीं हो रहा पालन
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया चेलसी स्कूल सीबीएसई की गाइडलाइन की भी पालना नहीं कर रहा है। अगर किसी की दो ही बेटियां हैं व वे दोनों बेटियां एक ही स्कूल में पढ़ती हैं तो एक बेटी की फीस माफ होनी चाहिए। इस स्कूल में केंद्र व प्रदेश सरकार की सिगल गर्ल चाइल्ड पॉलिसी के तहत भी फीस में कोई छूट नहीं दी जा रही है।