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खर्च पहले जैसा, आय शून्य

कोरोना के बढ़ते संकट की वजह से कई लोगों के काम ठप हो गए हैं मजदूरों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। ऐसे में निजी बस आपरेटर पर भी इसकी कड़ी मार पड़ी है। बस आपरेटरों के खर्चे वही है लेकिन आय नहीं हो रही है। कुछ आपरेटरों को बस बेचने तक की नौबत आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 06:52 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 06:52 AM (IST)
खर्च पहले जैसा, आय शून्य

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जागरण संवाददाता, शिमला : लॉकडाउन के कारण कई लोगों के काम ठप हो गए हैं। निजी बस ऑपरेटरो पर भी इसकी मार पड़ी है। उनका खर्च पहले जैसा है लेकिन आय नहीं है। कुछ ऑपरेटरों को बसें बेचने तक की नौबत आ गई है। उन्हें चालकों व परिचालकों को वेतन सहित बीमा, बसों के रखरखाव और बैंक की किश्त आदि देनी पड़ रही है। हालांकि टैक्स में सरकार ने छूट दी है। ऑपरेटरों को खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।

राजधानी शिमला में 106 निजी बसें चल रही हैं। वहीं जिला में 250 निजी बसें चलती हैं। एक हजार से अधिक लोगों को इनसे रोजगार मिला है। लॉकडाउन के कारण सब ठप हो गया है। लोगों के सामने घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।

बस ऑपरेटर यूनियन के जिला अध्यक्ष कमल ठाकुर ने बताया कि पहले ही बसों में कमाई नाममात्र थी। अब बसें न चलने से पूरी तरह बंद हो गई है। इससे खर्च पूरा करना मुश्किल हो गया है। छोटे ऑपरेटरों के लिए यह समय चुनौती भरा है। चालकों व परिचालकों को वेतन देना भी जरूरी है। संकट की घड़ी में उनसे किनारा नहीं कर सकते। चालकों व परिचालकों को राशन भी दिया गया है। सबसे बड़ी दिक्कत बैंकों की किश्त भरने की है। आय नहीं होगी तो किश्त कहां से देंगे। ऑपरेटर अजय का कहना है कि वह 10 बसें शहर में चलाते हैं। अब हाथ खड़े हो गए हैं। चालकों व परिचालकों के वेतन सहित किश्त व बसों की मरम्मत करवाना भी मुश्किल हो गया है। कैसे खर्च चलेगा यह कहना मुश्किल है।

राहत पैकेज की कर रहे मांग

बस ऑपरेटर सरकार से राहत पैकेज देने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हजारों परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं। लोगों के चूल्हे इस व्यवसाय से जल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर के गरीब लोगों के लिए निजी बसें ही सहारा हैं। काम बंद किया तो लोगों को खाने की दिक्कत हो जाएगी। सरकार आपरेटरों को कोई राहत पैकेज दे जिससे सभी का गुजारा चलता रहे।

बसें खड़ी होने से खर्च

चालक व परिचालक का वेतन : 15000

बैंक की किश्त : 25000 से 40000

बीमा : 15500 मासिक

मरम्मत खर्च :10000

टोकन टैक्स : 15000

रोड टैक्स : 12000


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