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सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों को दिया वार्ता का न्योता

प्रदेश सरकार ने निजह बस ऑपरेटरों को आखिरकार वार्ता का न्योता दे ही दिया। वीरवार को राज्य सचिवालय में परिवहन मंत्री गोविद ठाकुर के साथ निजी बस ऑपरेटर संघ की वार्ता होगी। इसमें संघ के कुल पांच पदाधिकारी भाग लेंगे। संघ के प्रदेश महाचिव रमेश कमल ने इसकी पुष्टि की है। वार्ता से ऐन पहले ऑपरेटरों ने सरकार पर एक बार फिर किराया बढ़ाने का दबाव डाला है। मौजूदा सरकार इन्हीं के दबाब में पहले भी किराया बढ़ा चुकी है। तब 22 से 25 फीसद तक किराया बढ़ा था। अब ऑपरेटरों ने 50 फीसद बस किराया बढ़ाने की मांग उठाई है। हालांकि अभी तक सरकार ने किराये बढा़ने पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया है। परिवहन विभाग ने जरूर मंत्री को एस संबं

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 05:06 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 05:06 PM (IST)
सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों को दिया वार्ता का न्योता

राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार ने निजी बस ऑपरेटरों को आखिरकार वार्ता का न्योता दे ही दिया। वीरवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में परिवहन मंत्री गोविद ठाकुर के साथ निजी बस ऑपरेटर संघ की वार्ता होगी। इसमें संघ के कुल पांच पदाधिकारी भाग लेंगे। निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने इसकी पुष्टि की है।

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वार्ता से ऐन पहले ऑपरेटरों ने सरकार पर फिर किराया बढ़ाने का दबाव डाला है। मौजूदा सरकार इन्हीं के दबाव में पहले भी किराया बढ़ा चुकी है। तब 22 से 25 फीसद तक किराया बढ़ा था। अब ऑपरेटरों ने 50 फीसद बस किराया बढ़ाने की मांग उठाई है। हालांकि अभी तक सरकार ने किराये बढ़ाने पर कोई फैसला नहीं लिया है।

----------- सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में पहली जून से बसें चलेंगी। लेकिन निजी बस ऑपरेटर 60 फीसद सवारियों के साथ बसें चलाने के लिए तैयार नहीं हैं। इस संबंध में बुधवार को निजी बस ऑपरेटर संघ की बैठक प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में हुई। इसमें कहा गया कि वे सर्शत बसें चलाने को तैयार हैं। बैठक में निर्णय हुआ कि वे कई मांगों को सरकार के सामने उठाएंगे।

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निजी बस ऑपरेटरो की मांगें

-60 फीसद सवारियों के साथ बसें चलाने के लिए तैयार है, लेकिन जिस प्रकार डीजल, स्पेयर पा‌र्ट्स व अन्य चीजों के दाम बढ़े हैं। इस कारण सामान्य किराये में 50 फीसद की वृद्धि करना जरूरी है।

-जहां से रुट शुरू होता है वहीं से गंतव्य स्थान तक 60 फीसद सवारियां मिलना असंभव है। इससे चालकों परिचालकों का वेतन व डीजल का खर्चा निकालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए न्यूनतम किराया पांच किलोमीटर तक 10 रुपये, 5 से 10 मिनट तक 15 रुपये, 10 से 15 किलोमीटर के लिए 30 रुपये किराया किया जाए।

-बिना ब्याज या कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाया जाए।

-एसआरटी और टोकन टैक्स जून माफ हो।

-बीमा का 100 फीसद प्रीमियम देना तर्कसंगत नहीं है, इसलिए प्रदेश सरकार इस मामले को केंद्र सरकार से उठाए।

-बसों से संबंधित दस्तावेजों की अवधि 30 सितंबर 2020 तक बढ़ाई जाए। ताकि जिन ऑपरेटरों के दस्तावेज समाप्त हो चुके हैं वह बिना पेनल्टी दोबारा  से नवीनीकरण करवा सकें।

-चालकों व परिचालकों को मास्क और सैनिटाइजर सरकार दे।


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