प्रिंसिपल को करना था डिमोट, कर दिया प्रमोट
हिमाचल में पूर्व सैनिकों की वरिष्ठता सूची पर विवाद गहरा गया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में पूर्व सैनिकों की वरिष्ठता सूची पर विवाद गहरा गया है। वरिष्ठता को लेकर शिक्षा विभाग का नया कारनामा सामने आया है। विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधे-अधूरे तरीके से लागू किया जा रहा है। जुलाई में जिन प्रिंसिपल को टीजीटी डिमोट करने वाली सूची में रखा गया था, अब उन्हें प्रमोट कर डिप्टी डायरेक्टर बना दिया गया है। पूर्व सैनिक यह प्रिंसिपल टीजीटी भर्ती हुए थे।
सरकार ने उन्हें चंबा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में तैनाती दी है। दो तरह के आदेशों से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। कुछ दिन पहले ही 17 प्रिंसिपलों को प्रमोट किया गया है। इनमें पूर्व सैनिक को प्रमोट करने से सरकार की नीयत पर भी सवाल पैदा हो गए हैं। सरकार के निर्देश पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने टीजीटी काडर के पूर्व सैनिकों की वरिष्ठता सूची दोबारा बनाई। इसमें उक्त शिक्षक वरिष्ठता में काफी नीचे आ गए थे। इनका मूल काडर टीजीटी था। उन्होंने टीजीटी के पद पर डिमोट होना था। इसके लिए अलग से आदेश जारी किए जाने थे। लेकिन शिक्षा विभाग ने कोर्ट के आदेश 2008 से लागू करने की बात कही है। इससे यह प्रिंसिपल डिमोट होने की बजाय प्रमोट हो गए। स्कूल काडर के जिन 17 प्रिंसिपलों को प्रमोट किया गया, उनमें फौजा सिंह, प्रकाश चंद, कुलदीप कुमार, राजेश कुमार, भाग चंद, गुरदेव सिंह, बिपन कुमार, राकेश कुमार, संजीव कुमार, मोहन सिंह, सरवण कुमार, सुदर्शन कुमार, कमलेश कुमारी, गरीब दास, वीना धीमान, रविंद्र कुमार व रोशन लाल शामिल हैं। नहीं हो रहा कोर्ट के आदेशों का पालन
सिविल सेवाओं में पूर्व सैनिकों को सेना की वरिष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। शिक्षकों ने लंबी कानूनी लड़ाई जीती है। लेकिन सरकार कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं कर रही है। पूर्व सैनिक शिक्षक को प्रिंसिपल से टीजीटी डिमोट करना था पर विभाग ने प्रमोट कर दिया। यह कोर्ट के आदेशों की अवमानना है।
डॉ. नरेंद्र शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, प्रिंसिपल एवं निरीक्षण अधिकारी संघ नहीं होगी आदेश की अनदेखी
पूर्व सैनिकों की वरिष्ठता के मामले में कोर्ट के आदेशों का हर हाल में पालन किया जाएगा। आदेश कब से लागू होंगे, इसकी जानकारी नहीं है। सरकार इन आदेशों की अनदेखी नहीं करेगी।
डॉ. अरुण शर्मा, शिक्षा सचिव