फेस्टिवल सीजन में खाने की थाली से गोभी व मटर भी गायब
फेस्टिवल सीजन के दौरान सब्जियों के बढ़े दाम ने खाने का स्वाद बिगाड़ दिया है। प्याज टमाटर के बढ़े दाम से पहले ही लोगों को घर में तड़का महंगा लग रहा था। अब सब्जियों के बढ़े दाम ने खाने का जायका ही खराब कर दिया है। बाजार में मटर 100 रुपये किलो मिल रहा है। वहीं गोबी सर्दियों में 10 से 20 रुपये प्रति किलो की दर से बिकती है
जागरण संवाददाता, शिमला : फेस्टिवल सीजन के दौरान सब्जियों के बढ़े दाम ने खाने का स्वाद बिगाड़ दिया है। प्याज टमाटर के बढ़े दाम से पहले ही लोगों को घर में तड़का महंगा लग रहा था। अब सब्जियों के बढ़े दाम ने खाने का जायका ही खराब कर दिया है।
बाजार में मटर 100 रुपये किलो मिल रहा है। वहीं गोभी सर्दियों में 10 से 20 रुपये प्रति किलो की दर से बिकती है, आज उसके दाम 80 रुपये प्रति किलो की दर से बाजार में रहे। बढ़े हुए दाम ने करेले की कड़वाहट को ही बढ़ा दिया है। करेला बाजार में 60 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। धनिया कभी बाजार में सब्जी के साथ दिया जाता था। आज इसका दाम ही 120 रुपये प्रति किलो रहा। सब्जियों के दाम बढ़ने से मध्यमवर्गीय परिवार सकते में है और उन्हें सब्जियां खरीदने के लिए दस बार सोचना पड़ रहा है। किलो की बजाय 250 ग्राम सब्जी खरीदी जा रही है।
ऐसी ही आग फलों के दाम में लगी है और केला 70 रुपये प्रति दर्जन पर पहुंच गया है जबकि सेब 80 से 100 रुपये प्रति किलो। यही हाल मौसमी और अनार का है। नारियल 50 रुपये प्रति पीस मिल रहा है। स्थानीय लोगों कमलेश वर्मा, रविद्र जसवाल, इंद्र ठाकुर,सरिता, श्वेता, रीना, गुलशन, प्रियंका ने कहा कि सब्जियों और फलों के दाम बढ़ने से लोगों का बजट बिगड़ गया है। घर के लिए के लिए एक किलो सब्जी की बजाय और जहां सब्जी की पांच किलो की जरूरत है वहां मात्र अढ़ाई तीन किलो से काम चलाना पड़ रहा है। फेस्टिवल सीजन में फलों और सब्जियों के दाम बढ़ने से परेशानी बढ़ी है। आम लोगों का पूरा माह का बजट बिगड़ गया है।