नगर परिषद रामपुर की वार्ड सदस्य की याचिका खारिज
यवाही में सामने आया था कि बादल की सास और ससुर के भाई ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया था। याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भले ही अतिक्रमण न किया हो परन्तु वह अतिक्रमण के लाभार्थियों में से एक है।
विधि संवाददाता, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर परिषद रामपुर की वार्ड सदस्य रीता बादल को अयोग्य घोषित करने को सही ठहराया है। कोर्ट ने रीता की याचिका खारिज करते हुए उसे सरकारी भूमि पर किए अतिक्रमण का लाभार्थी पाया।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को जनकार्यो से दूर रखने के उद्देश्य से ही नगरपालिका अधिनियम या पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान बनाए गए हैं। वार्ड सदस्य को शहरी विकास विभाग ने अतिक्रमण का लाभार्थी होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया था। राजस्व विभाग के समक्ष कार्रवाई में सामने आया था कि रीता की सास और ससुर के भाई ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किया था। याचिका का निपटारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भले ही अतिक्रमण न किया हो परंतु वह अतिक्रमण के लाभार्थियों में से एक है। इसलिए कानूनन वह जनप्रतिनिधि के तौर पर काम नहीं कर सकती है।