शिक्षा निदेशक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे सिंघा
शिमला जिला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र से सीपीएम विधायक राकेश सिघा ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : ठियोग विधानसभा क्षेत्र से सीपीएम विधायक राकेश सिघा ने शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ठियोग के भोगड़ा हाई स्कूल में 10 साल से अध्यापक की नियुक्ति न होने से खफा विधायक ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय के बाहर बैठकर सरकार और विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से शिक्षक की भर्ती करने की मांग की। विधायक ने कहा है कि जब तक विभाग स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति नहीं करता वे निदेशक के कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठे रहेंगे। इस दौरान विधायक के अलावा एसएमसी के प्रधान जितेंद्र कंवर, धर्मपुर पंचायत के ओम प्रकाश सहित करीब 50 लोग धरने पर बैठे।
विधायक ने कहा कि भोगड़ा हाई स्कूल की एसएमसी मामले को लेकर हाईकोर्ट गई, जिस पर कोर्ट ने शिक्षा विभाग को तीन माह के अंदर अध्यापक की नियुक्ति करने को कहा था। हाईकोर्ट के आदेश देने के बावजूद शिक्षा विभाग ने अभी तक अध्यापक की नियुक्ति नहीं है, जोकि चिंताजनक है। सिंघा ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाया। कहा कि विभाग ने जिस अध्यापक की नियुक्ति स्कूल में दी है, उसकी हाजिरी कहीं और लगती है और तनख्वाह कहीं और से मिलती है।
विधायक राकेश सिघा ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि छात्र शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। स्कूल में अब विद्यार्थियों की संख्या 40 रह गई है। लेकिन विभाग कोई सबक नहीं ले रहा है और लापरवाही बरत रहा है, खामियाजा छात्रों व अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है।
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कोर्ट के आदेश की अवहेलना
भोगड़ा स्कूल की छात्रा भारती ने अक्टूबर 2018 में उच्च न्यायालय में अपील दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी। छात्रा ने शिक्षकों की कमी का हवाला देते हुए कहा था कि स्कूल में शिक्षक नहीं है और उन्हें धर्मपुर स्कूल जाने के लिए आठ किलोमीटर का सफर पैदल जंगल वाले रास्ते से करना पड़ेगा। इससे छात्राओं की सुरक्षा को खतरा है। उच्च न्यायालय ने तीन माह के अंदर स्कूल में अध्यापकों की नियुक्ति के आदेश दिए थे, लेकिन शिक्षा विभाग ने अभी तक अध्यापकों की नियुक्ति नहीं की है।
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दो अध्यापकों के हवाले हाई स्कूल
स्कूल में दो अध्यापक ही तैनात हैं। 40 छात्रों की पढ़ाई इन्हीं दो अध्यापकों के हवाले है। स्कूल का शैक्षणिक माहौल पूरी तरह खराब हो गया है। मानकों के अनुसार स्कूल में सात अध्यापक होने चाहिए।
धर्मपुर ग्राम पंचायत के प्रधान ओम प्रकाश ने कहा कि स्कूल में अध्यापकों की कमी है। शिक्षा विभाग से कई बार अनुरोध भी किया गया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।