संशय में सरकार, कैसे करे पीटीए शिक्षकों का उद्धार
प्रदेश पीटीए शिक्षकों को नियमित करने से डर रही है। शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक पीटीए को नियमित करने का मामला लाया गया था, लेकिन इस पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल इस पर कोई निर्णय नहीं ले सका। मंत्रिमंडल ने इस बार भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के होने का हवाला देते हुए इससे हाथ पीछे खींच लिए है। ऐसे में अनुबंध पीटीए शिक्षकों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के मामले में संशय में है। शनिवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पीटीए शिक्षकों को नियमित करने का मामला लाया गया था। लेकिन इस मामले पर चर्चा के बाद मंत्रिमंडल कोई निर्णय नहीं ले सका। इस कारण अनुबंध पीटीए शिक्षक संघ सरकार से खफा हो गया है।
मंत्रिमंडल ने इस बार भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले के होने का हवाला देते हुए इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं। इस कारण अनुबंध पीटीए शिक्षकों को एक बार फिर सरकार से निराशा हाथ लगी है। बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव में भी पीटीए शिक्षकों को नियमित करने की बात नहीं की गई थी। हालांकि उन्हें दिए जा रहे वेतन को नियमित शिक्षकों के बराबर करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल को भेजा गया था। सरकार का मानना था कि जब इन्हें नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाना है तो क्यों न इन्हें नियमित कर दिया जाए। बैठक के दौरान कानून सचिव को भी बुलाया गया। पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के लिए बीच का रास्ता निकालने पर चर्चा की गई। विधि विभाग का नियमितीकरण से इन्कार
सूत्रों के अनुसार विधि विभाग ने पीटीए शिक्षकों को नियमित करने से इन्कार कर दिया है। विभाग ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया है। करीब पांच हजार अनुबंध पीटीए शिक्षक शनिवार को प्रदेश मंत्रिमंडल के फैसले का इंतजार कर रहे थे। जल्द बनेगी सरकार के विरोध की रणनीति
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में अनुबंध पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के संबंध में फैसला लेने का आश्वासन दिया था। सरकार ने हमें इस बार भी धोखा दिया है। संघ के पदाधिकारी जल्द बैठक कर सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ विरोध करने की रणनीति तैयार करेंगे।
बोविल ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष, अनुबंध पीटीए शिक्षक संघ नहीं हुआ फैसला
पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के संबंध में मंत्रिमंडल की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। लेकिन अभी इन्हें नियमित करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री