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हिमाचल में शुरू होगी आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा

हिमाचल में जल्द आर्गन ट्रांसप्लांट (शरीर के अंग बदलने) की सुविधा मिल

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 05:57 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 05:57 PM (IST)
हिमाचल में शुरू होगी आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा

रामेश्वरी ठाकुर, शिमला

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हिमाचल में जल्द आर्गन ट्रांसप्लांट (शरीर के अंग बदलने) की सुविधा मिल सकेगी। किसी की मौत होने पर शरीर से निकाले सुरक्षित अंग अब जरूरतमंद मरीजों की जान बचा सकेंगे। मौजूदा समय तक यह सुविधा हिमाचल के बाहर पीजीआइ सहित अन्य बड़े स्वास्थ्य संस्थानों में मिलती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब हिमाचल में आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध करवाने की तैयारी में जुटा है। टांडा मेडिकल कालेज में आर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होगी। पहले चरण में इस मेडिकल कालेज में आर्गन रिट्रीवल सेंटर शुरू किया जाएगा। इसके तहत इच्छुक व्यक्ति अंगदान कर सकता है। मृतक के शरीर से अंग निकाले जाएंगे और पीजीआइ चंडीगढ़ से कार्डिनेट करके उन्हें ट्रांसपोर्ट किया जाएगा, ताकि जरूरतमंद मरीज की जान बचाई जा सके। दूसरे चरण में ट्रांसप्लांट की सुविधा की व्यवस्था भी होगी।

प्रदेश के करीब 46 लोगों ने पीजीआइ में अपने अंगदान किए हैं। टांडा में शुरू होने वाले आर्गन ट्रांसप्लांट में आंख, गुर्दे, फेफड़े, जिगर, हृदय सहित खून सप्लाई करने वाली नसें दान की जा सकेंगी। आइजीएमसी शिमला में साल 2019 से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हुई है, लेकिन इसमें लोगों ने अपने रिश्तेदारों को किडनी दान की थी।

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अंगदान बचा सकता है जरूरतमंद की जान

टांडा मेडिकल कालेज के सामान्य सर्जरी के विशेषज्ञ डा. राकेश चौहान का कहना है कि अंगदान किसी जरूरतमंद की जान बचा सकता है। मेडिकल साइंस की तरक्की के कारण अब मृतक के अंग जरूरतमंद मरीज के काम आ सकते हैं। हादसों में कई लोगों की मौत होती है, जब मरीज को अस्पताल लाया जाता है तो उसे बचाने की पूरी कोशिश की जाती है। गंभीर स्थिति के कारण अगर मरीज नहीं बच पाता है तो मरने के बाद कुछ घंटों के भीतर उसके आर्गन निकाल लिए जाएं तो जरूरतमंद मरीज को नई जिंदगी मिल सकती है।

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अंगदान को लेकर समाज में भ्रांतियां

अंगदान को लेकर समाज में कई प्रकार की भ्रांतियां फैली हैं। इस क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। डा. राकेश का कहना है कि अंगदान करके संबंधित व्यक्ति का शव उनके परिवार को सौंप दिया जाता है, ताकि वे अपने धर्म के अनुसार विधिवत अंतिम संस्कार कर सकें। उन्होंने कहा कि अंगदान करके लोग मरकर भी किसी को जिंदगी दे सकते हैं।

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कोरोना संक्रमित से नहीं लिए जा सकते अंग

अगर मृतक का शव कोरोना पाजिटिव पाया जाता है तो उससे अंग नहीं लिए जा सकते। संक्रमण के कारण फेफड़े सहित अन्य आर्गन प्रभावित होते हैं और अगर आर्गन निकाले जाएं तो संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी।


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