आयुर्वेद विभाग का गड़बड़झाला : दुबई से जयराम का आया फोन, सचिवालय पहुंचे परमार
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दुबई से फोन करके स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार को सचिवालय पहुंचने के निर्देश दिए और तत्काल संबंधित कार्रवाई करने को कहा।
शिमला, प्रकाश भारद्वाज। आयुर्वेद विभाग में मशीनों व अन्य सामग्री की खरीद में हुए गड़बड़झाले को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने दुबई से फोन कर स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार को प्रदेश सचिवालय शिमला पहुंचने के निर्देश दिए। उन्होने संबंधित मामले पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री के साथ-साथ मुख्य सचिव ने भी इस मामले में सख्त कदम उठाया है।
विदेश दौरे पर गए जयराम ठाकुर को उनकी आइटी टीम ने गड़बड़झाले से अवगत करवाया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने दुबई से लताड़ लगाई और तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद हरकत में आते हुए स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार बुधवार दोपहर करीब तीन बजे अपने कार्यालय पहुंचे। इसके बाद आयुर्वेद विभाग के निदेशक संजीव भटनागर व तकनीकी खरीद कमेटी के तीनों सदस्य फाइलें हाथ में लिए सचिवालय पहुंचे। इस दौरान जेम पोर्टल को संचालित करने वाले वरिष्ठ सहायक राजेश कुमार कौशल सहित कई दूसरे कर्मचारी भी थे। लालबत्ती के बीच बंद कमरे में तीन घंटे तक लंबी बैठक चली।
मुख्य सचिव ने मांगी रिपोर्ट आयुर्वेद विभाग में मशीनों व अन्य सामग्री की खरीद में हुए गड़बड़झाले के संबंध में दैनिक जागरण में प्रकाशित समाचारों का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने आयुर्वेद विभाग से रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कार्रवाई होगी। विभाग से शीघ्र अति शीघ्र रिपोर्ट देने को कहा है। परमार ने दो दिन में तलब की रिपोर्ट खरीद प्रक्रिया में लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति दंडित होगा स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने आयुर्वेद विभाग में मशीनों व उपकरणों की खरीद के मामले में संज्ञान लेते हुए तुंरत जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने आयुर्वेद विभाग के निदेशक संजीव भटनागर से दो दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार पाया गया तो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भ्रष्ट कर्मचारी व अधिकारी से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं हो सकता है। खरीद प्रक्रिया में लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को दंडित किया जाएगा। लेकिन निर्दोष को घबराने की बात नहीं है। यह विभागीय खरीद प्रक्रिया है और विभाग में तकनीकी खरीद कमेटी इसका निर्धारण करती है। तकनीकी खरीद कमेटी ने सभी औपचारिकताओं का पालन किया होगा। इसके बाद ही सभी प्रकार की स्वास्थ्य मशीनों की खरीद हुई होगी।
आयुर्वेद विभाग में मशीनों की खरीद में गड़बड़झाले से संबंधित समाचार दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित किए जा रहे हैं। इन समाचारों को देखने के बाद बुधवार को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। आयुर्वेद विभाग को हर स्तर पर इस खरीद से जुड़े कर्मचारियों व अधिकारियों का पक्ष तथ्यों के आधार पर रखना होगा। उसके साथ-साथ जेम पोर्टल से जुड़े पहलुओं को भी देखा जाएगा। उसके बाद 1.61 करोड़ रुपये की खरीद मामले में निर्णय लिया जाएगा। यदि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर सामने आया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी।
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