तेल घोटाला: सीबीआइ ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की
Oil scam हिमाचल में हुए करोड़ों रुपये के तेल घोटाले में मामले में सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल कर दी है जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ शिमला की एक कोर्ट में ट्रायल होगा।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Oil scamकरोड़ों रुपये के तेल घोटाले में सीबीआइ ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट के आधार पर हिंदुस्तान पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (एचपीसीएल) के बठिंडा (पंजाब) स्थित डिपो के कई अधिकारियों, ट्रांसपोर्टरों व टैंकर चालकों के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा। इनमें एचपीसीएल के तत्कालीन ऑपरेशन ऑफिसर (योजना एवं वितरण) नमन जैन, ऑपरेशन ऑफिसर रिषभ वर्मा, तत्कालीन सुरक्षा सुपरवाइजर गुरमेल सिंह आदि शामिल हैं।
मामले की जांच सीबीआइ की शिमला शाखा ने की है। जांच पूरी होने के बाद अब आरोपितों के खिलाफ शिमला की एक कोर्ट में ट्रायल होगा। सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी ने आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की लेकिन गहन तफ्तीश की। घोटाला वर्ष 2016 में मार्च से दिसंबर के बीच का है। पेट्रो उत्पादों की पंजाब से हिमाचल तक सुनियोजित तरीके से चोरी की गई। इसके लिए 22 टैंकर इस्तेमाल हुए लेकिन जानबूझ कर इन उत्पादों की लीकेज कागजों में दर्शाई गई।
असल में लीकेज नहीं होती थी। बठिंडा डिपो से नालागढ़ आने वालों ट्रकों में तेल की हेराफेरी सामने आने के बाद शिमला के चक्कर में हमीर हाउस में स्थित एचपीसीएल के सीनियर मैनेजर ने ट्रांसपोर्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। इसमें कहा था कि 10 से 50 लाख की कीमत के पेट्रो उत्पादों में अनियमितताएं बरतने के आरोप में क्यों न उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए? उन्होंने नुकसान की भरपाई के लिए रिकवरी करने की भी बात कही थी। कई ट्रांसपोर्टर शो-कॉज नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे।
हाईकोर्ट ने दिया था सीबीआइ जांच का आदेश
हाईकोर्ट ने 16 मई 2017 को इस मामले की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। सीबीआइ की शिमला शाखा में एचपीसीएल के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आठ जून 2017 को प्रीलिमनरी इन्क्वायरी दर्ज की गई। इसके बाद 11 नवंबर व 13 नवंबर को जांच एजेंसी ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। इन रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने नियमित केस दर्ज के आदेश दिए। इन आदेश के पालन में शिमला थाने में नियमित केस दर्ज किया गया।
दो करोड़ 24 लाख का गड़बड़झाला
सीबीआइ ने बठिंडा स्थित एचपीसीएल के तत्कालीन ऑपरेशन ऑफिसर नमन जैन, ऑपरेशन ऑफिसर ऋषभ वर्मा, सिक्योरिटी सुपरवाइजर गुरमेल सिंह के अलावा ट्रांसपोर्टरों, टैंकर चालक, परिचालक, कंपनी के अन्य सदस्यों व निजी कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस पूरे खेल में आरोपितों ने करोड़ों रुपये का घपला किया। जांच के अनुसार एचपीसीएल को दो करोड़ 24 लाख 95,337 रुपये का चूना लगा था।
आरोप है कि बठिंडा डिपो से नालागढ़ तक पेट्रो उत्पादों के परिवहन के दौरान ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलकर साजिश के तहत वर्ष 2016 में मार्च से दिसंबर के बीच पेट्रो उत्पादों की चोरी की गई। प्रारंभिक जांच में पता चला था कि टैंकरों के कंपार्टमेंट लीक थे और कुछ पूरी तरह खाली नहीं किए जा रहे थे। इस बहाने हर बार लाखों रुपये के पेट्रो उत्पाद चोरी किए जा रहे थे।