अस्तित्व में आया कलस्टर विश्वविद्यालय मंडी
लंबी जद्दोजहद के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल कलस्टर विश्वविद्यालय मंडी अस्तित्व में आ गया है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : लंबी जद्दोजहद के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल कलस्टर विश्वविद्यालय मंडी अस्तित्व में आ गया है। प्रदेश सरकार ने मंगलवार को विवि के स्थापना एवं विनियम अधिनियम, 2018 की अधिसूचना जारी कर दी है। कलस्टर विवि मंडी के दायरे में चार राजकीय महाविद्यालयों को रखा जाएगा। इनमें राजकीय महाविद्यालय मंडी, द्रंग, बासा व एमएलएसएम कॉलेज सुंदरनगर शामिल हैं।
कलस्टर विवि का खाका प्रदेश सरकार ने मानव संसाधन मंत्रालय को वर्ष 2014 में भेजा था। केंद्र ने अक्टूबर 2016 को इसे मंजूरी दी थी। करीब 55 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकार कर पहली किस्त के रूप में 24 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। विवि के तहत बिलासपुर व कुल्लू जिला के कॉलेजों को शामिल करने की योजना थी लेकिन अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। 24 करोड़ का बजट भवन निर्माण, मूलभूत सुविधाओं और उपकरणों की खरीद पर खर्च होगा। इसमें केंद्र व हिमाचल का शेयर 90 अनुपात 10 रहेगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला का बोझ कम करने और गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत कलस्टर विवि खोलने को मंजूरी दी थी। रूसा गाइडलाइन के मुताबिक एक विश्वविद्यालय के तहत 100 से अधिक कॉलेज नहीं होने चाहिए। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के तहत 130 कॉलेज हैं। ये कोर्स शुरू होंगे
कलस्टर विवि में वल्लभ कॉलेज मंडी को लीड कॉलेज बनाने की योजना है। वहा स्कूल ऑफ लॉ, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, परफार्मिग आर्ट, आर्किटेक्चर प्लानिग, टीचर एजुकेशन, जियो फिजिकल साइंस, और मैनेजमेंट के कोर्स चलाए जाएंगे। सुंदरनगर कॉलेज में स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंस, मैनेजमेंट स्टडी और फार्मेसी, द्रंग कॉलेज में स्कूल ऑफ लेंग्वेज और साइंस तथा बासा कॉलेज में स्कूल ऑफ टूरिज्म स्टडी तथा लाइब्रेरी साइंस कैंपस होंगे।
प्रदेश सरकार ने कलस्टर विवि मंडी को लेकर स्थापना एवं विनियम अधिनियम 2018 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके बाद फर्स्ट शेड्यूल का एक्ट तैयार होगा। इसका प्रस्ताव विधानसभा में पारित होने के लिए भेजा जाएगा।
डॉ. अरुण शर्मा, शिक्षा सचिव