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पानी नहीं सहेजा तो धोने होंगे केंद्रीय मदद से हाथ

हिमाचल में अब वर्षा जल संग्रहण अनिवार्य होगा। हरेक घरों सरकारी संस्थानों को बारिश के पानी का संचयन हर हाल में करना पड़ेगा। केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय के नए निर्देशों की प्रदेश अनुपालना करेगा। अगर पानी का संचय नहीं किया तो फिर सूरत में राज्य को केंद्रीय मदद से हाथ धोने पड़ेंगे। इसे धरातल को कैसे क्रियान्वित करेंगे इसके लिए अलग से गाइडलाइन तैयार होगी। सरकार इस बात भी भी विचार कर रही है कि अगर किसी ने अनिवार्य शर्त को तोड़ा तो संबंधित परिवार को सबसिडी से महरूम रखा जा सकता है। यही नहीं सीवरेज के ग्रीन पानी की भी रिसाइक्लिग की जाएगी। इसका उपचार कर इसे साग- सब्जी में इस्तेमाल करने लायक बनाया जाएगा। इसे जंगली पौधों के लिए सिचाई हो पाएगी ताकि क्षेत्र में हरियाली बनी रहे। वर्षा जल संग्रहण सिचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 08:36 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 06:40 AM (IST)
पानी नहीं सहेजा तो धोने होंगे केंद्रीय मदद से हाथ
पानी नहीं सहेजा तो धोने होंगे केंद्रीय मदद से हाथ

रमेश सिंगटा, शिमला

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हिमाचल में अब वर्षा जल संग्रहण अनिवार्य होगा। हर घर व सरकारी संस्थानों को बारिश के पानी का संचयन हर हाल में करना पड़ेगा। केंद्र के जल शक्ति मंत्रालय के नए निर्देशों का प्रदेश पालन करेगा। अगर पानी का संचय नहीं किया तो प्रदेश को केंद्रीय मदद से हाथ धोने पड़ेंगे। इस योजना को धरातल पर कैसे लागू करेंगे, इसके लिए गाइडलाइन तैयार होगी।

सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि अगर किसी ने अनिवार्य शर्त को तोड़ा तो संबंधित परिवार को सबसिडी से वंचित रखा जा सकता है। सीवरेज के पानी की भी रिसाइकलिंग की जाएगी। इसका उपचार कर इसे साग सब्जी की सिंचाई में इस्तेमाल करने लायक बनाया जाएगा। इससे जंगली पौधों के लिए भी सिचाई हो पाएगी ताकि क्षेत्र में हरियाली बनी रहे। वर्षा जल संग्रहण को सिचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा। इजरायल की कंपनी से खरीदेंगे पानी के टैंक हिमाचल सरकार इजरायल की कंपनी से पानी के टैंक खरीदेगी। ये फ्लैक्सी टैंक होंगे। 25 हजार लीटर की क्षमता के टैंक का वजन सिर्फ 30 किलोग्राम होगा। इसे घर के अंदर भी फोल्ड करके रखा जा सकेगा लेकिन इसे आग से बचाना होगा। कंपनी के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कुछ दिन पूर्व हुई बैठक में इसकी प्रस्तुति दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री आवास ओकओवर में इसमें पानी भी भरा गया गया है। दस साल की गारंटी

पानी के 25 हजार लीटर क्षमता वाले टैंक की कीमत करीब 20 हजार रुपये है। आइपीएच विभाग आरसीसी का इतनी ही क्षमता का टैंक ढाई से तीन लाख रुपये में निर्मित करता है। इसकी तुलना में विदेशी कंपनी दस साल की गारंटी देगी। 50 हजार लीटर की क्षमता वाला टैंक 35 हजार रुपये में मिलेगा। वर्षा जल संग्रहण टैंक पर सबसिडी

प्रदेश में हर घर व हर खेत को जल का तभी प्रबंध होगा जब बारिश का पानी एकत्र हो सकेगा। सरकार वर्षा जल संग्रहण ढांचे व टैंकों पर सबसिडी देगी। इससे लोगों को टैंक और सस्ते मिलेंगे। सड़क से दूर भी इन्हें लगाया जा सकेगा। अभी विभाग सड़क से एक किलोमीटर दूरी पर स्थित आरसीसी टैंक बनाने में पांच से छह साल लगाता है। जल्द होगा करार

वर्षा जल संग्रहण को अनिवार्य बनाया गया है। जल शक्ति मंत्रालय से इसके बगैर आर्थिक मदद नहीं आ पाएगी। अब पहाड़ों में भी रूफ टॉप हार्वेस्टिग से पानी एकत्र होगा। इजरायल की कंपनी से फ्लैक्सी टैंकों की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है। इस संबंध में जल्द करार होगा। सीवरेज के पानी को भी ट्रीट किया जाएगा। इस संबंध में जन जल जागरण करेंगे।

-महेंद्र सिंह ठाकुर, आइपीएच मंत्री


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