प्लास्टिक कचरा निपटान से संतुष्ट नहीं एनजीटी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) अश्वनी खड्ड के प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) अश्वनी खड्ड के प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए उठाए कदमों से संतुष्ट नहीं है। हालांकि नगर निगम शिमला और नगर परिषद सोलन इस संबंध में दो स्टेटस रिपोर्ट सौंप चुका है, लेकिन अब एक माह के अंदर संशोधित स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी। इसमें बताना होगा कि प्लास्टिक कचरे की कितनी मात्रा निकली, इसका निर्माण कार्यों, सीमेंट उद्योगों में कितना और कहां उपयोग हुआ। पूरी सूचना सहित विस्तृत रिपोर्ट ईमेल के माध्यम से एनजीटी को देनी होगी।
ट्रिब्यूनल में इस संबंध में 12 फरवरी को सुनवाई हुई। इससे पहले नगर परिषद सोलन ने 29 नवंबर और नगर निगम शिमला ने 18 दिसंबर को ट्रिब्यूनल में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी। ट्रिब्यूनल ने पाया कि अभी तक उठाए कदम पर्याप्त नहीं हैं। नए निर्देश के साथ ही एप्लीकेशन का निपटारा का भी निपटारा कर दिया है। इस खड्ड से पहले शिमला के लिए भी पेयजल की आपूर्ति होती थी। अब सोलन के अलावा कई क्षेत्रों के लिए इसी खड्ड से पेयजल की आपूर्ति हो रही है।
यह है मामला
जुलाई में अश्वनी खड्ड में बह रहे प्लास्टिक के कचरे से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद राज्य सरकार हरकत में आई। तब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि प्रदेश में ऐसे हालात पैदा नहीं होने देंगे। यहां प्लास्टिक के इस्तेमाल और इसे नदी-नालों में फेंकने पर भी पाबंदी लगाई गई है। इस बारे में लोगों को भी जागरूक किया जाएगा। पंकज खुल्लर ने सामने लाया वीडियो
असल में सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल पंकज खुल्लर ने एनजीटी के विशेष सदस्य डॉ. एसएस गरब्याल को वाट्सएप पर वीडियो भेजा था। इसमें अश्वनी खड्ड में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा दिखाई दे रहा था। ऐसा लग रहा था कि यह कोई प्लास्टिक रीवर हो। इस पर स्वत: कार्रवाई करते हुए एनजीटी ने प्रदेश सरकार के प्लास्टिक पाबंदी पर तल्ख टिप्पणी की। एनजीटी ने कहा है कि 2003 में प्लास्टिक के बैग के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने वाला हिमाचल पहला राज्य बना। बावजूद इसके खडड् में प्लास्टिक के ढेर से साबित हो रहा है कि सरकार इसे लागू नहीं कर पाई है। इस मामले में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। वीडियो हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव को भेजने और तथ्यों की पुष्टि कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट पेश करने के आदेश जारी किए।
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एनजीटी के ताजा निर्देश का हर हाल में पालन होगा। नदी की सफाई के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। वैसे अश्वनी खड्ड का मामला शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) देख रहा है। इस बारे में सही स्थिति वही बता सकता है।
-नवीन पुरी, ईएनसी, जल शक्ति विभाग ------------
एनजीटी के ताजा निर्देश आए हैं। शिमला के नालों की सफाई के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। हम तमाम उपायों की रिपोर्ट एनजीटी को सौंप देंगे। रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाएगी।
-पंकज राय, आयुक्त, नगर निगम, शिमला