अब शिक्षा विभाग में भी बरसेगी नौकरियों पर करूणा
नौकरियों पर सरकार की करूणा अब शिक्षा विभाग में बरसेगी।
राज्य ब्यूरो, शिमला : नौकरियों पर सरकार की करूणा अब शिक्षा विभाग में भी बरसेगी। प्रदेश सरकार की नई नीति के अनुसार इस तरह के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। पात्र पाए जाने पर सरकारी नौकरी मिल सकेगी। इस नीति में छह मानक तय किए गए हैं। एक परिवार की पेंशन समेत सभी स्रोतों से वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पेंशन, कृषि, किराया, व्यापार, ब्याज समेत अन्य स्त्रोतों की आय को ढाई लाख में ही रखा है। अगर एक परिवार में चार से अधिक सदस्य हैं तो उस सूरत में यह चार ही माने जाएंगे। अगर सदस्य तीन हैं तो वार्षिक आय एक लाख 87 हजार 500 रुपये रह जाएगी। दो सदस्य होंगे तो आय एक लाख 25 हजार 500 रुपये तक होनी चाहिए।
नए मानकों के हिसाब से पीड़ित परिवारों को नौकरी मिलने के आसार और कम हो गए हैं। नई नीति के संबंध में शिक्षा निदेशक उच्चतर डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर इनका कड़ाई से पालना करने को कहा है। इनके अनुसार सरकार ने करूणामूलक आधार पर नौकरियां देने की नीति में संशोधन किया है। विभाग को अब आवेदन इसी के अनुरूप मान्य करने होंगे और तभी पात्र आवेदकों को रोजगार देने की सिफारिश की जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में करूणामूलक आधार पर बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। विभागों में लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के निर्देश तो दिए गए हैं, लेकिन नए मानक रोजगार देने के रास्ते में आड़े आएंगे। यह मुद्दा पिछले साल कांगड़ा में हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में प्रमुखता से उठा था। सरकार ने कहा था कि वह नीति में संशोधन करेगी और पहले से चल रही व्यवस्था का सरलीकरण करेगी। सरकारी कर्मचारी की मौत ड्यूटी के दौरान होती है तो उसका परिवार सरकार से एक सदस्य को नौकरी देने की मांग करता है।