लाइसेंस मिलने के दो साल बाद चला पाएंगे बस
अगर किसी भी व्यक्ति ने पेसेंजर सर्विस व्हीकल (पीएसवी) का लाइसेंस नया बनाया है तो वह दो साल निजी बस नहीं चला सकेगा। इस संबंध में राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने नए निर्देश जारी किए हें। कई नई शर्तों को और जोड़ा गया है। बसों में मालिक अपनी मर्जी से चालक नहीं बदल सकेंगे। उन्हें इसकी आरटीओ से अनुमति लेनी होगी। मालिक को चालक के बारे में सारे दस्तावेज आरटीओ कार्यालय में जमा करवाने होंगे। इससे कहीं न कहीं मालिक की जवाबदेही तय की गई है। अब बस की
राज्य ब्यूरो, शिमला : अगर किसी व्यक्ति ने पैसेंजर सर्विस व्हीकल (पीएसवी) का लाइसेंस नया बनाया है तो वह दो साल तक निजी बस नहीं चला सकेगा। इस संबंध में राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने निर्देश जारी कर दिए हैं। बस मालिक अपनी मर्जी से चालक नहीं बदल सकेंगे। इसके लिए उन्हें आरटीओ से अनुमति लेनी होगी। मालिक को चालक के बारे में सारे दस्तावेज आरटीओ कार्यालय में जमा करवाने होंगे। अब बस की पासिग के बाद अधिकृत एजेंसी से सर्टिफिकेट लेना होगा। प्रदेश के करीब 1800 बस ऑपरेटरों को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण नए निर्देशों के बारे में पत्र के माध्यम से बताया जाएगा।
पहले ये शर्तें नहीं थी। जैसे ही किसी व्यक्ति का लाइसेंस बनता है, उसे बस चलाने के लिए अधिकृत कर दिया जाता है। पहले बस मालिक अपने चालक के बारे में पुख्ता दस्तावेज नहीं रखते थे। अब ऐसा संभव नहीं हो पाएगा। सरकार ने इसके पीछे कुल्लू के बंजार हादसे से सबक लेने का तर्क दिया है।
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निजी बस ऑपरेटरों ने की बैठक
नए निर्देशों से निजी बस ऑपरेटर संघ सरकार से उखड़ गया है। राजेश पराशर की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक इस पर रोष जताया। आरोप लगाया कि निजी बसों के लिए नियम और कानून एकतरफा बनाए जाते हैं। ऑपरेटरों को विश्वास में नहीं लिया जाता। दो साल पुराना चालक ही बस चलाएगा, यह कतई बर्दाश्त नहीं होगा। बस चलाने का लाइसेंस प्राधिकरण द्वारा सभी टेस्ट पास करने के बाद जारी किया जाता है। जब वह बस नहीं चलाएगा तो अनुभव कैसे आएगा? अब कंपनी द्वारा संचालित एजेंसी से बस रिपेयर का सर्टिफिकेट लेना होगा। ऐसे में मोटर वाहन इंस्पेक्टर की क्या जरूरत है? एजेंसी इसका नाजायज लाभ उठाएगी और मनमाने दामों पर ऑपरेटरों को स्पेयर पार्ट्स बेचेगी। संघ ने मांग की है कि नए नियमों को तत्काल वापस लिया जाए।
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मंत्री को लिखा पत्र
निजी बस ऑपरेटर संघ ने नए निर्देशों को जारी करने के बाद अब परिवहन मंत्री गोविद ठाकुर को पत्र लिखा है। इसमें तीन प्रमुख बिदुओं पर कड़ी आपत्ति जताई है। इसमें कहा गया कि सरकार ऑपरेटरों पर नए-नए नियम थोप रही है। ऐसा करना ऑपरेटरों के हित में नहीं होगा। वे पहले ही कर्ज में डूबे हैं।
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राज्य परिवहन प्राधिकरण के नए निर्देश व्यहारिक नहीं है। निजी बस ऑपरेटर नहीं चाहते कि संघ सरकार के साथ किसी टकराव में आए, लेकिन मजबूरी में ऐसा भी करना होगा। लाइसेंस के बावजूद दो साल तक चालक बस नहीं चलेगा तो क्या करेगा? इससे तो भुखमरी जैसे हालत पैदा होंगे। अनुभव तभी आएगी, जब सड़क पर बस चलाएगा, बिना ड्राइविग कैसे अनुभव मिलेगा।
-रमेश कमल, प्रदेश महासचिव निजी बस ऑपरेटर संघ।