वाहन चलाते सुना मोबाइल तो आया काल
वाहन चलाते समय मोबाइल फोन न सुनें। यह आपकी और यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ सकता है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : वाहन चलाते समय मोबाइल फोन न सुनें। यह आपकी और यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ सकता है। कई वाहन चालक मोबाइल फोन पर लंबे समय तक बात करते देखे जा सकते हैं। वे एक साथ दो कार्य कर रहे होते हैं। वे यह बात भूल जाते हैं कि उनकी अपनी और दूसरों की जिंदगी उनके हाथ में है।
पहाड़ी राज्य हिमाचल में कई ऐसे बड़े हादसे हुए हैं जिनमें चालक ने मोबाइल फोन सुनने के दौरान गाड़ी का संतुलन खोया और अंजाम मौत के तौर पर सामने आया है। ऐसे कई हादसे बसों के हो चुके हैं। इसके बावजूद कई वाहन चालक खासकर ग्रामीण इलाकों में लापरवाह बने हुए हैं। कई वाहन चालक यात्रियों से बातचीत करते हैं। निजी बसों में ऐसे चालक आसानी से मिल जाएंगे। राजधानी शिमला में कई बसों में चालक के साथ पूरी टीम होती है। ये लोग चालक से खूब गपशप करते हैं। वहीं, यदि आप सड़क पर पैदल चल रहे हों तो भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करें। इससे हादसा हो सकता है। आपका ध्यान बातचीत पर होगा और कोई भी तेज रफ्तार वाहन आपको कुचल सकता है। कार में सफर करते हुए तेज आवाज में संगीत न सुनें। यह भी दुर्घटना का कारण बन सकता है। निजी बसों में सुने जाते हैं गाने
बसों में म्यूजिक सिस्टम लगाने और संगीत सुनने पर पाबंदी है। इसके बावजूद निजी बसों में धड़ल्ले से गाने सुने जाते हैं। राजधानी शिमला में निजी बसों में नियमों का उल्लंघन होता है। पुलिस तभी चालान काटती है जब कहीं कोई हादसा हो जाए। इस संबंध में कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है। मोबाइल फोन सुनते वाहन चलाया तो जुर्माना
मोबाइल फोन सुनते हुए वाहन चलाने वालों का एक हजार रुपये का जुर्माना होता है। बसों में संगीत सुनने पर दो हजार रुपये जुर्माना हो सकता है। पुलिस समय-समय पर इस संबंध में अभियान छेड़ती रहती है।
जागरूक हों लोग, शिकायत करें
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के पुलिस चालान काटती है। जुर्माना करने का भी प्रावधान है। बसों में म्यूजिक सिस्टम लगाने पर चालान होता है। लोगों को और जागरूक होने की जरूरत है। वे शिकायत करें तो पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी।
परमदेव ठाकुर, डीएसपी ट्रैफिक, शिमला