हिमाचल दौरे पर जल्द आएगी एनडीआरएफ की टीम
कुमारहटटी हादसे के बाद एक बार फिर से सरकार में हलचल हुई है। लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से सबकुछ शांत हो जाएगा। एनडीआरएफ ने पंडोह व बल्ह में प्रस्तावित बटालियन स्थानों को लेकर शंका जाहिर की है। शीघ्र ही एनडीआरएफ की टीम प्रदेश के दौरे पर आ रही है। उसके बाद ही पता चलेगा कि पंडोह व बल्ह में बटालियन स्थापित हो सकेगी। बटालियन स्थापित करने के लिए 300 बीघा भूमि प्रस्तावित है मगर एसडीआरएफ का अभी तक कोई सुराग नहीं है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : कुमारहट्टी हादसे के बाद एक बार फिर सरकार में हलचल हुई है। लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पंडोह व बल्ह में प्रस्तावित बटालियन स्थानों को लेकर शंका जाहिर की है। एनडीआरएफ की टीम हिमाचल के दौरे पर जल्द आएगी। इसके बाद ही पता चलेगा कि पंडोह व बल्ह में बटालियन स्थापित हो सकेगी या नहीं।
बटालियन स्थापित करने के लिए 300 बीघा भूमि प्रस्तावित है। लेकिन राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) का अभी तक कोई अता-पता नहीं है। राज्य में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के मकसद से गठित की जाने वाली एसडीआरएफ पांच साल से अधर में है। ब्यास हादसे के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एसडीआरएफ के गठन के साथ पुलिस को इसके लिए एक करोड़ रुपये प्रदान किए थे। पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एनडीआरएफ जिला कांगड़ा के नूरपुर में स्थापित करने की बात हुई थी। लेकिन भाजपा सरकार ने जिला मंडी में एनडीआरएफ स्थापित करने की गतिविधियां शुरू की हैं। एनडीआरएफ के लिए सरकार ने मंडी जिला में जमीन तलाश ली है। केंद्रीय टीम जल्द मंडी में तलाशी गई जमीन का निरीक्षण करेगी। हिमाचल प्राकृतिक आपदाओं के मामले में संवेदनशील है। भूकंप के अलावा बादल फटने, भूस्खलन, बरसात व बाढ़ जैसी आपदाओं से प्रदेश में हर साल अरबों का नुकसान होता है। जून 2014 में प्रदेश के कुल्लू जिला में ब्यास में हैदराबाद के विद्यार्थी बह गए थे। उफनती हुई ब्यास की लहरों में 24 विद्यार्थी मारे गए थे। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 14 जून 2014 को प्रदेश में एसडीआरएफ के गठन की बात कही थी। बाकायदा एसडीआरएफ में 300 जवानों की तैनाती के अलावा गृहरक्षकों को भी आपदाओं से निपटने के विशेष प्रशिक्षण देने की बात कही गई। बीते दिनों प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में भी एसडीआरएफ के गठन का बात कही गई। मुबारिकपुर, अर्की तथा मंडी में इसकी एक एक कंपनी की तैनाती की बात हुई। तीनों कंपनियों में 100-100 जवानों की तैनाती की प्रस्तावित थी। हैरानी की बात यह है कि साल दर साल प्राकृतिक आपदाओं में बेशकीमती जीवन गंवाने तथा अरबों का नुकसान झेलने के बावजूद अभी तक इसकी स्थापना नहीं हो सकी है।
एनडीआरएफ के गठन को केंद्र से हरी झंडी दिखाई गई है। इसके लिए मंडी के पंडोह व बल्ह में जमीन तलाशी गई है। केंद्रीय टीम मंडी का दौरा जल्द कर भूमि का निरीक्षण करेगी। एसडीआरएफ के गठन की दिशा में भी सरकार आगे बढ़ रही है।
बीके अग्रवाल, मुख्य सचिव