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शिमला के 100 से ज्यादा भवन असुरक्षित घोषित, खतरे से खाली नहीं है इनमें रहना

शिमला में नगर निगम में 100 से ज्‍यादा घरों को असुरिक्षत घोषित कर दिया है लेकिन इसके बावजूद भी लोग जान जोखिम में डालकर इन भवनों में रह रहे हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 12:29 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 12:33 PM (IST)
शिमला के 100 से ज्यादा भवन असुरक्षित घोषित, खतरे से खाली नहीं है इनमें रहना

शिमला, जेएनएन। शहर में सिर ढकने लायक जगह तलाश करना इतना मुश्किल हो गया है कि लोग जान की परवाह किए बगैर ही असुरक्षित भवनों में रह रहे हैं। नगर निगम ने राजधानी शिमला में 100 से ज्यादा भवनों को अनसेफ घोषित कर दिया है। इसका मतलब साफ है कि इन भवनों में रहना खतरे से खाली नहीं है। हैरानी की बात है कि जान जोखिम में डालकर लोग इन भवनों में रह रहे हैं। इन भवनों से लोगों का मोह छूट नहीं पा रहा है। 

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खस्ताहाल घरों में रह रहें हैं लोग

पानी के रिसाव और भवनों के एक तरफ झुकने के बावजूद लोग लगातार परिवार सहित ऐसे भवनों में रह रहे हैं। नगर निगम ने पुलिस की मदद से कुछ भवन खाली करवाने का काम शुरू किया तो कानूनी लड़ाई में लोग जीत गए। इसके बाद निगम के हाथ भी बंधे हैं कि आगे की कार्रवाई फिलहाल नहीं की जा सकती है। ऐसे ही भवन मालिक राजीव गुप्ता का कहना है कि उनके एक भवन को भी निगम ने अनसेफ घोषित किया है। इसके बाद उन्होंने खुद तो भवन खाली कर दिया है। इसके बिजली व पानी के कनेक्शन भी कटवा दिए हैं, लेकिन कई मामलों में प्रॉपर्टी का विवाद चल रहा है। ऐसे भवनों में अभी तक लोग जान जोखिम में डाल कर रह रहे हैं।

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नगर निगम के संयुक्त आयुक्त अनिल शर्मा ने कहा कि असुरक्षित भवनों को खाली करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। कुछ भवन पुलिस की मदद से खाली भी करवाए जा रहे हैं। जो मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन मामलों में निगम कुछ ज्यादा नहीं कर सकता है।

बीबीएनडीए में विकास का जिम्मा सीईओ को

बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण (बीबीएनडीए) क्षेत्र में भवनों के निर्माण कार्य और विकास कार्यों को अनुमति का जिम्मा अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी यानी सीईओ बीबीएनडीए को सौंपा गया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। अभी तक यह जिम्मा निदेशक नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के पास था।

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