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किसान-बागवानों की जय-जय

राज्य ब्यूरो, शिमला : जयराम सरकार ने मोदी के किसान हितैषी बजट को देखते हुए हिमाचल का बज

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Mar 2018 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 10 Mar 2018 03:01 AM (IST)
किसान-बागवानों की जय-जय

राज्य ब्यूरो, शिमला : जयराम सरकार ने मोदी के किसान हितैषी बजट को देखते हुए हिमाचल का बजट भी किसान-बागवानों को समर्पित कर उनके लिए राहतों का अंबार लगा दिया। प्रदेश की दो तिहाई जनसंख्या कृषि व बागवानी का कार्य करती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हालांकि सभी वर्गो का ध्यान रखा है लेकिन यह बजट किसानों व बागवानों को समर्पित है।

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कृषि और बागवानी के लिए आठ योजनाएं शुरू करने के साथ वर्ष 2022 तक किसानों की आय को जैविक खेती से दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कदम उठाया गया है। सोलर से सिंचाई, सोलर बाड़ में उपदान और किसानों को सिंचाई के लिए बिजली की वर्तमान दर एक रुपये प्रति यूनिट से घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट की जाएगी। इससे लाखों किसान लाभान्वित होंगे। फलों व सब्जियों के मालभाड़े पर वसूले जाने वाले रोड टैक्स में छूट की घोषणा भी की गई है।

सौर पंपों से सिंचाई के लिए पानी उठाएंगे

हर खेत को पानी पहुंचाने और सिंचाई सुविधा से वंचित क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा के लिए 130 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। नई सौर सिंचाई योजना को 200 करोड़ की लागत से शुरू किया जाएगा। इससे सौर पंपों से सिंचाई के लिए पानी उठाया जाएगा। बोरवेल निर्माण के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

जल से कृषि को बल

सिंचाई के लिए नई योजना 'जल से कृषि को बल' शुरू होगी जिस पर आगामी पांच वर्षो में 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में चेकडैम व तालाबों का निर्माण किया जाएगा। मध्यम सिंचाई योजना का नादौन क्षेत्र व फिन्ना सिंह का कांगड़ा में क्रियान्वयन किया जा रहा है। इन दोनों परियोजनाओं के लिए 85 करोड़ का बजट प्रावधान है।

एंटी हेलगन पर अनुदान

ओलावृष्टि के कारण सेब और अन्य फसलों को बर्बाद होने से बचाने के लिए पूर्व वीरभद्र सरकार द्वारा बंद की गई एंटी हेलगन योजना के स्थान पर बागवानी सुरक्षा योजना शुरू की गई है। इसमें एंटी हेलगन पर 60 फीसद अनुदान दिया जाएगा। ओलावृष्टि से बागवानी फसलों को बचाने के लिए 30 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में संरक्षित खेती के लिए एंटी हेलनेट प्रदान किए जाएंगे।

जीरो बजट कृषि पर जोर

प्रदेश में करीब 40 हजार कृषक जैविक कृषि कर रहे हैं। फसलों की लागत को कम करने के लिए जीरो बजट खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे लागत कम हो। इसके लिए कृषकों तथा कृषि, बागवानी व पशुपालन विभाग के विस्तार अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। विश्वविद्यालयों द्वारा इसके लिए पूरा प्रारूप तैयार किया जाएगा। जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए जैविक कीटनाशक संयंत्र की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत निवेश उपदान दिया जाएगा।

पॉलीशीट्स बदलने पर अब 70 फीसद अनुदान

प्रदेश में प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना शुरू होगी। सुरक्षित खेती को बढ़ाने के लिए पॉलीहाउस निर्माण के लिए वाईएस परमार किसान स्वरोजगार योजना में 23 करोड़ रुपये का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ग्रीन हाउस मरम्मत योजना के तहत क्षतिग्रस्त पॉलीशीट्स बदलने पर 50 प्रतिशत अनुदान को बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया गया है।

किराये पर उपकरण प्राप्त कर सकेंगे किसान-बागवान

कृषि उपकरण सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे जिनमें किसान व बागवान किराये पर उपकरण प्राप्त कर सकेंगे। इन केंद्रों की स्थापना के लिए हिमाचल के किसानों व युवा उद्यमियों को 25 लाख रुपये तक की मशीनरी पर 40 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा। बागवानी विभाग को कृषकों को पॉवर स्प्रेयर व पॉवर टिल्लर उपदान पर देने के लिए 12 करोड़ रुपये, कृषि विभाग को कृषकों की पॉवर बीडर व पॉवर टिल्लर की मांग को पूरा करने के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

सोलर बाड़ से फसल बचाएं, 85 फीसद अनुदान पाएं

जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए लगाई जाने वाली सोलर बाड़ पर 85 फीसद अनुदान का प्रावधान है। बंदरों, जंगली जानवरों व लावारिस पशुओं की समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत सौर बाड़ लगाई जाएगी। यदि तीन या इससे अधिक किसान सामूहिक तौर पर सोलर बाड़ लगाने का प्रस्ताव देते हैं तो सरकार इस पर 85 फीसद अनुदान देगी। इस योजना के तहत 35 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। बागवानों व सब्जी उत्पादकों को 50 फीसद उपदान पर प्लास्टिक क्रेट उपलब्ध करवाई जाएंगे।

कांगड़ा व कुल्लू में बनेंगे खाद्यान्न प्रसंस्करण केंद्र

आलू के चिप्स बनाने के लिए कांगड़ा व कुल्लू में खाद्यान्न प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किया जाएगा। प्रधानमंत्री कृषि संपदा योजना में एकीकृत शीत भंडारण, खाद्यान्न प्रसंस्करण योजना में पांच करोड़ रुपये तक के खाद्यान्न प्रसंस्करण तथा 10 करोड़ रुपये तक के शीत भंडारण पर 50 प्रतिशत उपदान दिया जाएगा। इन उद्योगों के लिए सरकार औद्योगिक भूमि को सामान्य से 50 प्रतिशत कम की दर पर आवंटित करेगी। खाद्यान्न विधायन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए स्टेट मिशन ऑन फूड प्रोसेसिंग को शुरू किया गया है। इस योजना के लिए 10 करोड़ का बजट प्रावधान है। प्रदेश में कटाई के बाद प्रोसेसिंग अधोसंरचना निर्माण के लिए सरकारी भूमि को एक प्रतिशत की दर से पट्टे पर दिया जाएगा। ऐसे उद्यमी जो निजी भूमि पर उपरोक्त कार्य करना चाहते हैं, उन्हें मात्र तीन प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देय होगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सभी फसलें शामिल होंगी

प्रदेश के पांच जिलों में 300 करोड़ की लागत से फसल विविधिकरण योजना लागू की जा रही है। एक हजार करोड़ की लागत से इस योजना के द्वितीय चरण की वित्त मंत्रालय ने संस्तुति कर दी है। इसके अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों को शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सभी फसलों को शामिल किया जाएगा।


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