मानसून सत्र: माननीयों के भत्ते बढ़ाने का राकेश सिंघा ने किया विरोध, बाकी सब समर्थन में
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में माननीयों के भत्ते बढ़ाने को लेकर राकेश सिंघा ने विरोध किया है।
शिमला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंत्रियों, विधायकों और पूर्व विधायकों के यात्रा भत्ता बढ़ाने को लेकर तीनों बिल मंजूर हो गए हैं। सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन विधेयक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन संशोधन विधेयक और मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सदन में मंजूर किया गया। सदन में सिर्फ माकपा से संबंधित ठियोग के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने इस पर विरोध जताया। माननीयों के भत्ते बढ़ाने को लेकर सिर्फ राकेश सिंघा ने ही विरोध किया है। उन्होंने इस बिल को वापस लेने की मांग की। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा में इस प्रस्ताव को चर्चा के लिए रखा। इस पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा गाड़ी और अन्य सुविधाओं को जोड़ा जाए। सीपीएम से विधायक राकेश सिंघा को छोड़कर सभी माननीयों ने इस बिल का समर्थन किया है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधानसभा में सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन विधेयक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन संशोधन विधेयक और मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सदन में पेश किए थे। आज इन्हें मंजूरी मिल गई। इन तीनों विधेयकों में यात्रा भत्ता मौजूदा 2.50 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 4 लाख करने का प्रस्ताव पेश किया था।
यात्रा भत्ता मौजूदा 2.50 लाख रुपये वार्षिक से बढ़ाकर 4 लाख कर दिया गया है। इस व्यवस्था से राजकोष पर वार्षिक 2.20 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार ने यात्रा भत्ता बढ़ाने के पीछे हवाई, रेल, टैक्सी सेवाओं की दरों में बढ़ोतरी का तर्क दिया है। विधानसभा सदस्य को किसी भी यात्रा पर जाने के लिए यदि जरूरत हो तो वह अधिकतम 25 हजार रुपये अग्रिम राशि भी ले सकते हैं। यात्रा के बाद उनको टिकट समेत यात्रा का सारा ब्योरा जमा करवाना होगा।
टैक्सी से यात्रा पर व्यय 4 लाख की अधिकतम राशि से 10 फीसदी से अधिक नहीं होगी, जबकि रेल और हवाई सफर का पूरा खर्च मिलेगा। मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पति या पत्नी के अलावा उनके अविवाहित पुत्र, पुत्रियां, दत्तक पुत्र व दत्तक पुत्रियां इसके पात्र होंगे। विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन था।
इससे पहले सहकारिता मंत्री डॉ राजीव सहजन ने कहा सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर दोषी ऑडिटरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने सदन को बताया प्रदेश में दो वर्षों के दौरान वित्तीय प्रबंधन के कुल 13 मामले प्रकाश में आए हैं। जिसमें कृषि सेवा सहकारी सभाओं में भ्रष्टाचार पाया गया है। मुख्यमंत्री की पत्नी डॉक्टर साधना वीआइपी दीर्घा में मौजूद हैं। उनके साथ सदन की कार्यवाही देखने के लिए दो रिश्तेदार भी आए हुए हैं।