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हिमाचल में फिर मार सकेंगे बंदर, केंद्र ने दी मंजूरी

किसानों के खेत खलिहान उजाड़ रही वानर सेना पर वार करना अब जुर्म नहीं होगा। पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बंदरों को मारने की दोबारा अनुमति दे दी है। पहले के मुकाबले में केंद्र सरकार ने 53 नए स्थानों में भी बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया है। पिछले वर्ष तक प्रदेश में 3

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 10:12 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 10:12 PM (IST)
हिमाचल में फिर मार सकेंगे बंदर, केंद्र ने दी मंजूरी

राज्य ब्यूरो शिमला : हिमाचल में किसानों के खेत खलिहान उजाड़ रहे बंदरों पर वार करना अब जुर्म नहीं होगा। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रदेश में बंदरों को फिर मारने की अनुमति दे दी है। केंद्र सरकार ने पहले के मुकाबले 53 नए स्थानों में बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया है।

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पिछले वर्ष तक प्रदेश की 38 पंचायतों व नगर निगम शिमला क्षेत्र में बंदरों को वर्मिन घोषित किया गया था। केंद्र सरकार के नए आदेशों के अनुसार प्रदेश के 11 जिलों की 91 तहसीलों व उपतहसीलों में बंदरों को वर्मिन घोषित किया गया है। चंबा के छह, कांगड़ा 15, बिलासपुर छह, ऊना पांच, शिमला 15, सिरमौर नौ, सोलन आठ, मंडी 10, कुल्लू छह, हमीरपुर छह और किन्नौर की पांच तहसीलों व उपतहसीलों में बंदरों को मारने की मंजूरी दी है। इन क्षेत्रों में मार सकेंगे बंदर

चंबा जिला

चुराह, भरमौर, डलहौजी, भटियात, सिहुंता, चंबा।

कांगड़ा जिला

कस्बा कोटला, जसवां, देहरा-गोपीपुर, खुंडियां, जय¨सहपुर, बैजनाथ, धर्मशाला, शाहपुर, नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, जवाली, कांगड़ा, पालमपुर, बड़ोह।

बिलासपुर जिला

झंडूता, भराड़ी, घुमारवीं, नयनादेवी, बिलासपुर सदर, नमहोल।

ऊना जिला

भरवाई, अम्ब, ऊना, हरोली, बंगाणा।

शिमला जिला

सुन्नी, ठियोग, कोटखाई, कुमारसेन, चौपाल, रोहड़ू, चिड़गांव, कुपवी, ननखड़ी, टिक्कर, जुन्गा, शिमला ग्रामीण, रामपुर, नेरवा।

सिरमौर जिला

पांवटा साहिब, ददाहू, पझौता, नौहरा, राजगढ़, रेणुका, शिलाई, कमराऊ।

सोलन जिला

अर्की, कंडाघाट, रामशहर, कृष्णगढ़, नालागढ़, कसौली, सोलन, दाड़लाघाट।

मंडी जिला

चच्योट, मंडी, थुनाग, करसोग, जोगेंद्रनगर, पद्धर, लडभड़ोल, सरकाघाट, धर्मपुर, सुंदरनगर।

कुल्लू जिला

निरमंड, बंजार, आनी, मनाली, कुल्लू, सैंज।

हमीरपुर जिला

भोरंज, हमीरपुर, नादौन, सुजानपुर, बड़सर, बिझड़ी।

किन्नौर जिला

निचार, पूह, कल्पा, सांगला, मूरंग। पिछले वर्ष समाप्त हुई थी अवधि

हिमाचल में पिछले वर्ष दिसंबर में बंदरों को वर्मिन (पीड़क जंतु) घोषित करने की अवधि समाप्त हो गई थी। 24 मई 2016 को बंदरों को हिमाचल के 10 जिलों की 38 तहसीलों व उपतहसीलों मे वर्मिन घोषित किया गया था। इसकी अवधि 20 दिसंबर 2017 को खत्म हो गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने एक वर्ष के लिए बंदरों को मारने की मंजूरी दी थी। एक साल में मारे पांच बंदर

प्रदेश की 38 पंचायतों व नगर निगम शिमला क्षेत्र में पिछले एक साल में केवल पांच बंदर मारे गए हैं। चार बंदर रेणुका और एक बंदर सोलन के धर्मपुर में मारा गया है। किसानों व बागवानों को राहत

केंद्र सरकार ने प्रदेश की 91 तहसीलों व उपतहसीलों में बंदरों को एक साल के लिए वर्मिन घोषित किया है। इससे किसानों व बागवानों को राहत मिलेगी।

गो¨वद ठाकुर, वन मंत्री।


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