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भानुपल्ली-बिलासपुर रेल प्रोजेक्ट के बीच भू-अधिग्रहण का रोड़ा

राज्य ब्यूरो शिमला भानुपल्ली बिलासपुर रेल प्रोजेक्ट की राह में भू-अधिग्रहण का मामला रोड़े अटका रह

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 12:51 AM (IST)
भानुपल्ली-बिलासपुर रेल प्रोजेक्ट  के बीच भू-अधिग्रहण का रोड़ा
भानुपल्ली-बिलासपुर रेल प्रोजेक्ट के बीच भू-अधिग्रहण का रोड़ा

राज्य ब्यूरो ,शिमला : भानुपल्ली बिलासपुर रेल प्रोजेक्ट की राह में भू-अधिग्रहण का मामला रोड़े अटका रहा है। पंजाब के नौ और हिमाचल के 11 गाव के किसान बाजार दाम का चार गुना मुआवजा माग रहे हैं। इन 20 गाव के भू-मालिकों का मुद्दा शुक्रवार को शिमला स्थित राज्य सचिवालय में गूंजा।

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इस सिलसिले में रेलवे विकास निगम दिल्ली और चंडीगढ़ के अधिकारियों ने हिमाचल सरकार के प्रधान सचिव परिवहन केके पंत के साथ बैठक की। इसमें प्रोजेक्ट से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की गई। प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। पुलों और सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है और 650 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। ब्रॉड गेज लाइन के निर्माण में भू-अधिग्रहण का मामला बाधा बना हुआ है। कई गाव के किसानों को रेलवे ने बाजार दम का दो गुना पैसा दिया, लेकिन अब किसान 60 लाख प्रति बीघा जमीन देने को तैयार नहीं है। वे इसमें वृद्धि की माग कर रहे हैं। एक से दो करोड तक प्रति बीघा मुआवजा चाह रहे हैं। अभी रेल ट्रैक बिछाया जा रहा है। इसके लिए टेंडर हो चुके हैं। बैठक में इससे जुड़े मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया। रेलवे और हिमाचल सरकार मिलकर किसानों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के प्रयास करेगी।

उधर, प्रधान सचिव परिवहन केके पंत ने कहा कि प्रोजेक्ट से जुड़े मुद्दों पर बैठक में बातचीत हुई। गौरतलब है कि किसान भू-अधिग्रहण अधिनियम के तहत मुआवजा माग रहे हैं, लेकिन रेलवे नेगोशिएशन एक्ट के तहत मोलभाव के जरिए ही मामले को सुलझाना चाहता है। यह रेललाइन हिमाचल प्रदेश के लिए बहुत अहम है।


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