केमिकल डिजास्टर रोकने व प्रबंधन पर हुआ मंथन
छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी रसायनों से आपदा की संभावना है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल में भी रसायनों से आपदा की संभावना है। केमिकल डिजास्टर से निपटने के मुद्दे पर वीरवार को सचिवालय में मंथन किया गया। मुख्य सचिव अनिल खाची की अध्यक्षता में इस तरह की आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की।
प्रदेश में बढ़ते औद्योगिकीकरणसे केमिकल डिजास्टर की संभावना बढ़ रही है। लिहाजा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कानून 2005 के प्रावधानों के तहत इस मुद्दे पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने इससे निपटने की तैयारियों व भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उद्योगों से किसी भी घातक रसायन के रिसाव की स्थिति में केमिकल डिजास्टर की संभावना रहती है। केमिकल डिजास्टर के समय उद्योगों में काम करने वाले कामगारों का जीवन बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं और किस तरह के आवश्यक उपकरणों की जरूरत रहती है। ऐसी सभी संभावनाओं पर बैठक में चर्चा हुई। बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने की मुख्य सचिव अनिल खाची ने निर्देश दिए। बैठक में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं राजस्व विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा के अलावा राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के कई विज्ञानियों ने भाग लिया।