बजट से एक दिन पहले ड्रीम प्रोजेक्ट की आई याद
34 वर्षों बाद नगर निगम शिमला में भाजपा जीत कर पहुंची है।
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला में 34 वर्ष बाद भाजपा जीत कर पहुंची है, लेकिन पहले बजट की बड़ी योजना को लागू ही नहीं किया था। अपने दूसरे बजट से एक दिन पहले बुधवार को चौड़ा मैदान में भगनी निवेदिता महिला सशक्तीकरण केंद्र का उद्घाटन मेयर कुसुम सदरेट ने कर दिया, लेकिन ये भी आधा अधूरा है। सूत्रों के मुताबिक अभी इस केंद्र को कौन चलाएगा, किस किस तरह की ट्रे¨नग दी जाएगी। इसके बारे में अभी तय ही नहीं किया गया है। यहां तक की केंद्र का जिम्मा भी किसी अधिकारी को नहीं दिया गया है। ऐसे में एक बार फिर नया विवाद उठता नजर आ रहा है। निगम की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में पहले से ही है कि आखिर एक साल तक केंद्र खोलने का विचार मेयर सहित पूरे नगर निगम को क्यों नहीं आया।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में पहला बजट पेश किया था। बजट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था। इस राशि से गरीब महिलाओं के उत्थान का कार्य करने का लक्ष्य तय किया था। महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ट्रे¨नग दी जानी थी। इसके साथ प्रदर्शनी आदि का आयोजन होना था। इसी लिए नगर निगम ने अपने बजट में अलग से 50 लाख रुपये रखे थे। मगर एक साल में नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण एक रुपया भी खर्च नहीं कर सके है।
दैनिक जागरण ने जब इस मामले को सात फरवरी को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो निगम प्रशासन हरकत में आया और आनन फानन केंद्र स्थापित करने के लिए प्रक्रिया तेज की, लेकिन सूत्रों के मुताबिक उक्त केंद्र में असल में नगर निगम ने इस बारे में कोई रणनीति ही नहीं बनाई कि कैसे महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए अपने स्तर पर कार्य करे।
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50 लाख रुपये का प्रावधान बजट में रखा गया है। इसके बारे में अधिक जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन इसमें महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
-राकेश कुमार शर्मा, डिप्टी मेयर नगर निगम शिमला।