Himachal News: लेह लद्दाख से जुड़ा मनाली, लोगों के लिए आसान हुआ सफर; BRO ने रिकार्ड समय में किया काम पूरा
Himachal News जुलाई 2019 में शिंकुला होते हुए जंस्कार घाटी मनाली से जुड़ी थी। इस बार 23 मार्च को रिकोर्ड समय में दर्रा बहाल कर दिया। इस मौके पर बीआरओ के अधिकारियों ने अपने जवानों को सम्मानित भी किया।
लाहौल स्पीति, जागरण संवाददाता। 16580 फीट ऊंचे शिंकुला दर्रे के बहाल होते ही लेह लद्दाख बाया शिंकुला मनाली से जुड़ गया है। तीन महीने बाद इस मार्ग पर आवाजाही शुरू हुई है। बीआरओ ने इसे रिकार्ड समय में बहाल किया है। सीमा पर बैठे देश के प्रहरियों तक पहुंचना आसान हो गया है। बीआरओ के अधिकारी ने आज विधिवत शिंकुला दर्रे की बहाली की शुरुआत की। हालांकि शुरुआती दिनों में छोटे वाहनों की एक तरफा आवाजाही रहेगी।
दूसरी ओर पर्यटकों को दारचा तक ही जाने की अनुमति रहेगी। पाकिस्तान व चीन सीमा के साथ सट्टे इस क्षेत्र को बीआरओ ने अब तीन मार्ग से जोड़ा है। पहला मार्ग जम्मू से श्रीनगर व जोजिला पास पार कर कारगिल से लेह को जोड़ता है। दूसरा मार्ग मनाली दारचा बारालाचा होते हुए लेह पहुंचता है। तीसरा मार्ग बीआरओ ने 2019 में ही तैयार किया है। मानली दारचा से शिंकुला व जंस्कार घाटी होते हुए कारगिल से सीधा लेह पहुंचा जा सकता है। हालांकि यह मार्ग सेना के काफिले सहित बड़े वाहनों के लिए अभी तैयार नहीं हुआ है।
जुलाई 2019 में शिंकुला होते हुए जंस्कार घाटी मनाली से जुड़ी थी। इस बार 23 मार्च को रिकोर्ड समय में दर्रा बहाल कर दिया। इस मौके पर बीआरओ के अधिकारियों ने अपने जवानों को सम्मानित भी किया। इस दर्रे में चार किमी टनल बनना प्रस्तावित है। दर्रे के बहाल होते ही टनल निर्माण की प्रक्रिया भी गति पकड़ेगी।
गुरुवार को बीआरओ की योजक परियोजना के निदेशक कर्नल विकास गुलिया ने शिंकुला दर्रा में झंडी दिखाकर गाड़ियों को मनाली के लिए रवाना किया। वहीं अब इस मार्ग से लोग मनाली से जांस्कर होकर कारगिल व लेह लद्दाख जा सकेंगे।
बीआरओ चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि बीआरओ की योजक परियोजना ने रिकोर्ड समय में शिंकुला को बहाल किया है। इसके लिए योजक परियोजना की पूरी टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि अब फोर व्हील ड्राइव वाहनों में शिंकुला होते हुए मनाली से कारगिल के बीच आवाजाही आसान हो जाएगी।