2020 तक मलेरिया मुक्त होगा हिमाचल, लोगों को किया जाएगा जागरूक
हिमाचल को 2020 तक मलेरिया मुक्त बनाने के लिए लोगों को मच्छरों के प्रकोप के बारे में विभिन्न माध्यमों के द़वारा जागरूक किया जाएगा
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश को 2020 तक मलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में मलेरिया के कारण लोगों की मौतें न हो, इसलिए मलेरिया मुक्त करने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। इसके लिए ग्रामीण स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम होंगे। मच्छरों के प्रकोप के बारे में शैक्षणिक संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा पंचायती राज संस्थाओं में जानकारी प्रदान की जाएगी। झुग्गी-झोपड़ी, उद्योगों और फैक्ट्रियों आदि में स्वच्छता उपायों के बारे जागरूक किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव आर धीमान की अध्यक्षता में बुधवार को मलेरिया समन्वय कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इसमें मलेरिया की स्थित सहित सभी मामलों को लेकर चर्चा हुई। बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में मलेरिया के 98 मामले हैं। धीमान ने कहा कि मलेरिया भारत में प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है। इसका इलाज और बचाव संभव है। प्रदेश में मलेरिया के मच्छर जून से सितंबर तक मुख्य रूप से हमीरपुर, ऊना, सोलन, कांगड़ा, बिलासपुर और मंडी जिले में पाए जाते हैं। राज्य सरकार ने 2020 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हिमाचल श्रेणी-1 के तहत आता है, जहां प्रति एक हजार जनसंख्या पर जोखिम के मामले एक से कम हैं। उप-निदेशक और राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि राज्य ने मलेरिया रोग को पहली मार्च 2018 से परिवर्तनीय रोग की श्रेणी में डाला है। सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में हर मामले की सूची तैयार करना अनिवार्य किया गया है। राज्य स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक मनमोहन शर्मा सहित संयुक्त निदेशक, चिकित्सा अधिकारी और संबंधित विभाग के अन्य अधिकारीगण बैठक में उपस्थित थे।
पानी की निकासी जरूरी
शहरों और गांवों में खड़े पानी की निकासी तथा पशुओं द्वारा पानी पीने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को ढककर रखना जरूरी होता है। खडे़ पानी की निकासी सुनिश्चित करना। जिन स्थानों पर मच्छरों की संख्या अधिक है, वहां फॉगिंग जरूरी है।