कोटखाई मामले में मुख्य आरोपित को मिलेगा पक्ष में गवाह पेश करने का मौका
कोटखाई छात्रा दुष्कर्म एवं हत्या मामले में अब मुख्य आरोपित अनिल कुमार उर्फ नीलू उर्फ कमलेश के कोर्ट में बयान दर्ज होंगे। यह बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज होंगे। सूत्रों के मुताबिक इसमें ज्यादातर गवाहों के बयान हो गए हैं। कुल 59 गवाह हैं।
रमेश सिंगटा, शिमला
कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में मुख्य आरोपित अनिल कुमार उर्फ नीलू को अब अपने पक्ष में गवाह (डिफेंस एविडेंस) पेश करने का मौका मिलेगा। कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाने से पहले अनिल को कानूनी तौर पर पक्ष रखने के लिए मौका देगा। हालांकि आरोपित पहले कोर्ट में अपना अपराध कबूल कर चुका है।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में ज्यादातर गवाहों के बयान हो गए हैं। कुल 59 गवाह हैं। सीबीआइ अधिकारियों से लेकर फॉरेंसिक विशेषज्ञों की गवाही हो चुकी है। हत्या, दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट के तहत सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस कारण ट्रायल जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास हो रहा है। पोक्सो एक्ट का ट्रायल इसी कोर्ट के पास होता है। सीबीआइ ने आरोपित अनिल के खिलाफ स्पेशल क्राइम यूनिट दिल्ली में 22 जुलाई 2017 को केस दर्ज किया था।
गहन जांच के बाद डीएनए सुबूतों के आधार पर आरोपित को ऊपरी शिमला से 13 अप्रैल 2018 को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में जांच एजेंसी ने पिछले साल 29 मई को शिमला की एक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने चार्ज फ्रेम करने के बाद ट्रायल आरंभ किया था। आरोपित के खिलाफ सिरमौर के सराहां थाने में वर्ष 2015 में हत्या के प्रयास के मामला दर्ज हुआ था। इसका ट्रायल कोर्ट में लंबित है। पुलिस ने इन्हें किया था गिरफ्तार
पुलिस ने शराल गांव के आशीष चौहान, राजेंद्र सिंह उर्फ राजू निवासी हलाइला, पौढ़ी गढ़वाल के सुभाष बिष्ट, गढ़वाल के दीपक उर्फ दीपू, हलाइला के लोकजन उर्फ छोटू व सूरज सिंह को गिरफ्तार किया था। पुलिस की तत्कालीन एसआइटी ने इनमें से राजू को मुख्य आरोपित करार दिया था लेकिन चंद दिनों के बाद ही उसकी थाने में मौत हो गई थी। पुलिस ने हत्या का इल्जाम राजू के सिर मढ़ा था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ जांच हुई।
जांच में पांच आरोपितों के गुजरात की एक फॉरेंसिक लेब्रोरेट्री में नार्को व ब्रेन मैपिग टेस्ट हुए। इसमें सभी को छात्रा से दुष्कर्म एवं हत्या मामले से आरोपमुक्त किया गया। इसके बाद सीबीआइ ने सूरज हत्या मामले में 29 अगस्त 2017 को तत्कालीन आइजी, डीएसपी समेत आठ पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार किया था। नवंबर में शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी की गिरफ्तारी हुई थी। ये हैं इस मामले में गवाह
केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री दिल्ली से बॉयोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. कमल चौहान, दिल्ली लेबोरेट्री के फोटो डिविजन से वीके गौतम, एएच गनवीर, अमितोश कुमार, जयेश भारद्वाज, कोटखाई अस्पताल के तत्कालीन मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुनीश चौहान, स्टेट फॉरेंसिक साइंस के निदेशक डॉ. अरुण शर्मा, डीएनए डिविजन के सहायक निदेशक डॉ. विवेक सहजपाल, आइजीएमसी से डॉ. पीयूष कपिला, डॉ. राहुल गुप्ता, सीबीआइ के एसपी एसएस गुरम, डीएसपी सीमा, सीबीआइ की स्पेशल क्राइम यूनिट दिल्ली के इंस्पेक्टर पवन कुमार, इंस्पेक्टर विजय कुमार, इंस्पेक्टर विशाल व सब इंस्पेक्टर केके सिंह गवाहों में शामिल हैं।
--------- कब क्या हुआ
-4 जुलाई 2017 : कोटखाई के हलाइला क्षेत्र के स्कूल की छात्रा गायब।
-6 जुलाई : हलाइला के जंगल में छात्रा का शव मिला।
-10 जुलाई : राज्य सरकार ने एसआइटी गठित की। तत्कालीन आइजी जहूर जैदी को सौंपा जिम्मा।
-11 जुलाई : चार युवकों को पूछताछ के लिए पकड़ा।
-18 जुलाई : आधी रात को पुलिस हिरासत में एक आरोपित की मौत।
-19 जुलाई : हाईकोर्ट ने सीबीआइ को सौंपा जांच का जिम्मा।
-29 अगस्त : आइजी सहित आठ पुलिस कर्मी गिरफ्तार।
-16 नवंबर : पूर्व एसपी डीडब्लयू नेगी गिरफ्तार।
-25 नवंबर : सीबीआइ द्वारा एसआइटी के खिलाफ चार्जशीट दायर।
-25 अप्रैल 2018 : सीबीआइ ने कोर्ट में फाइनल स्टेटस रिपोर्ट पेश की।
-पांच अप्रैल 2019 : निलंबित आइजी जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली।
-18 अप्रैल 2019 : पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को हाईकोर्ट से जमानत मिली।