रेणुकाजी बांध का रास्ता साफ, छह राज्यों को लाभ
बांध परियोजना के एमओयू पर छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए, किशाऊ बांध के एमओयू पर आज हस्ताक्षर की उम्मीद।
शिमला, राज्य ब्यूरो। रेणुकाजी बांध बनने का रास्ता साफ हो गया है। इससे छह राज्यों को लाभ होगा। रेणुकाजी बहुद्देश्यीय बांध परियोजना के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर शुक्रवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व नई दिल्ली के मुख्यमंत्रियों ने हस्ताक्षर किए। रेणुकाजी बांध से छह राज्यों के लिए पानी उपलब्ध होगा।
बांध के निर्माण के बाद गिरि नदी का प्रवाह लगभग 110 प्रतिशत बढ़ जाएगा जो दिल्ली और अन्य राज्यों की पीने की पानी की जरूरतों को कमी के दिनों में कुछ सीमा तक पूरा करेगा। परियोजना के सिंचाई, पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत यानी 3892.83 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस लागत का 10 प्रतिशत यानी 432.54 करोड रुपये छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा यमुना नदी से ओखला बैराज तक सतही जल के आवंटन के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार वहन किए जाएंगे। इसके साथ किशाऊ बांध को लेकर भी नई दिल्ली में चर्चा हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि शनिवार को बांध के एमओयू पर हस्ताक्षर हो सकते हैं।
रेणुकाजी बाध परियोजना का हिमाचल सहित छह राज्यों को लाभ होगा। परियोजना द्वारा 40 मेगावाट बिजली अपने चरम पर पैदा होगी। परियोजना को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार करना प्रस्तावित है।
-जयराम ठाकुर, मुख्यमंत्री